समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ट्रंप ने कहा, “वे समझौते का उल्लंघन कर रहे हैं। यह एक बेहद खराब समझौता था, जो नहीं होना चाहिए था।” एक संवाददाता द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या व्हाइट हाउस के पास ईरान पर यह आरोप लगाने की कोई ठोस वजह है? ट्रंप ने प्रश्न को नजरअंदाज करते हुए केवल इतना ही कहा कि उनका प्रशासन 2015 के परमाणु समझौते का विश्लेषण कर रहा है।
हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने मंगलवार को प्रतिनिधि सभा के नेता पॉल रयान को भेजे एक पत्र में सत्यापित किया था कि ईरान 2015 के परमाणु समझौते के तहत अपनी बचनबद्धताओं से बंधा हुआ है। ट्रंप प्रशासन ने परमाणु समझौते से जुड़ी ईरान की प्रतिबद्धता को लेकर पहला प्रमाणीकरण जारी किया है। टिलरसन को अपने पूर्ववर्ती विदेश मंत्री जॉन केरी की तरह ही हर 90 दिनों में यह सत्यापन जारी करना होगा।