गुड न्यूज- उत्तराखंड में भू-अध्यादेश के लिए जंतरमंतर पर किया धरना प्रदर्शन

Pahado Ki Goonj

उत्तराखंड सूचना मंत्रालय के लिए विधायको का कोई महत्व दिखाई नहीं देता है।

देश मे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को संवैधानिक दर्जा देने के लिए 8अगस्त2021 तक सभी पत्रकार संघठन ,पत्रकार, सुझाव भेजें

दिनाक 31 मई से 6 जून 2021 को मौनव्रत एवं धरना  दिया

पत्रकार, सम्पादक अपने प्रत्येक अंक में नारा प्रकाशित अपने हक के लिए   मांग पूरी होने तक करें ।

 

टिहरी गढ़वाल, लिखवार गांव (पहाड़ों की गूंज )का शुभप्रभात, देश के समस्त सम्मानित पत्रकार साथियों को प्रणाम, अभिनन्दन करते हैं।आपसे  अनुरोध है कि 300से ज्यादा पत्रकार कोरोना काल में स्वधर्म निभाने में शहीद होगये। सच्चाई उजागर करने में अन्य साथियों को  जघन्य रूप से मौत के घाट उतारने की घटना बढ़ती जा रही है।

और पत्रकारों को कुछ सूझ नहीं रहा है। यह आजादी के 7 दशकों की यात्रा में पत्रकारों को अपने अधिकारों के लिए उनके रगों में बहनें वाले खून की जगह सायद पानी बहने लगा है। उन्होंने राष्ट्र सेवा में योगदान  दिया है।

परन्तु उन्हें सरकार से सम्मान नहीं मिला। इससे उनके परिवार की नाजुक हालत है।उनको सम्मान जनक मदद नहीं मिलने से लोकतंत्र में दिखावे का  चौथे स्तम्भ रहा गया है।जो पत्रकार होने के नाते अपने को  लोकतंत्र में ठगा सा रह कर  महसूस करता है।

मैं स्वयं जिरोग्राउंड सेवा करने में कोरोना से पीड़ित रहने पर ,अपने कालोनी में 110परिवारों को सुरक्षित रखने के लिए स्वतःकोविद सेंटर  बाकी जीवन की आशा नहीं रखते हुए  3 सितंबर 2019 में देहरादून कोविद स्थित सेंटर में गया ।नाती पोतों का भरा पूरा परिवार की सुरक्षा  मुख्य है। के लिए अपने जीवन सुरक्षा की आशा खुशी से छोड़कर जाने में दुख नहीं हुआ।  मुझे स्वप्न में भगवान श्री केदारनाथ  बाबा ने जीने का आशीर्वाद दिया। सोचने लगा कि भगवान ने 70 वर्ष में प्राण दान क्यों किया।जंग जीतकर मन मे खयाल आया कि भगवान श्री केदारनाथ महादेव ने जन कल्याण के  पुनीत कार्य करने के लिए 4 अस्पतालों में  23 दिन की  जदो जिहाद के बाद अभी भी संघर्ष रत रहने के लिए आशीर्वाद  दिया है।

(वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा 15,16 जून के बाद 28 जून2013 को हरिद्वार, हलद्वानी  में ट्रेनों की आवाजाही समान्य होने के बाबजूद tv चैनलों ने हरिद्वार, ऋषिकेश  मसूरी, नैनीताल के पर्यटन के लिए भी लोगों के अंदर उत्तराखंड में आने के लिए डर पैदा करदी थी

तब सोचा  है  उतराखंड में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए न्यूज पोर्टल को प्रचार प्रसार के लिए बढ़ावा दिया जाना आवश्यक है।जुलाई 2013से अक्टूबर2013 तक  11  बैठकों में सुझाव पर मा विधायकों , मा 

 

अध्यक्ष विधानसभा,

प्रतिपक्ष श्री अजय भट्ट जी बर्तमान मेंं  मा केे न्द्रीय मंत्री है। उनकी संस्तुति के बाद ofc लाईन बि छवाने के लिए  मा मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत सरकार, और माo राज्यपाल श्री अजीत कुरैसी जी के साक्षात्कार में 11 माह के समय की मेहनत रंग लाई तो आज उत्तराखंड में1800 से ज्यादा न्यूज पोर्टल देश विदेश में सबसे पहले खबरें निशुल्क पहुंचा रहे हैं ) माननीय 

विधानसभा सदस्यों  की सिफारिश को सूचना विभाग तबज्जो नहीं देने से लोकतंत्र की गरिमा तार तार होने का खतरा उत्तराखंड में होगया है।

विधायकों की कोई अहिमीयत उत्तराखंड सूचना मन्त्रालय नहीं समझता है।यह उत्तराखंड की सेहत के लिए ठीक नहीं है

लिए यह निर्णय  पावन पर्व गंगादशहरा पर्व की पूर्व रात्रि पर भगवान श्रीबद्रीविशाल की कृपा से लिया है। इससे पूर्व प्रेस को संवैधानिक दर्जा देने के लिए 31मई2021 से 6 जून 2021 तक टिहरी बांध प्रभावित काला पानी छेत्र प्रातपनगर  अपने निवास लिखवार गावँ टिहरी गढ़वाल, गांगोत्री केदारनाथ मोटर मार्ग (डिफेंस रोड़)के km162 स्थित स्थान पर मौन व्रत एवं धरना प्रदर्शन का सफल आयोजन किया है ।साथियों से लोकतंत्र के चौथा स्तंभ,कलम कारों, पत्रकारों को विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका की भांति संवैधानिक व्यवस्था  में आधिकारिक दर्जा देना चाहिए।उसके  लिए  माo अध्यक्ष लोकसभा  ,माo उपराष्ट्रपति को माo सांसदों की संस्तुति देने के बाद ज्ञापन सरकार को  मानसून सत्र में  देना चाहते हैं।आप सभी से सानुरोध है कि आप अपनी मांगों के लिए अपने संघठनों के, व्यक्ति गत  रूप से सुझाव  हिंदी, अंग्रेजी भाषा में भेजने की कृपा दिनांक08अगस्त 2021 तक वट्सप no7983825336, ईमेल; jeetmani20062021@gmail.com,पर भेजने की कृपा किजयेगा।

हमारे  जुलाई 2013  से मई 2014 के प्रयास से न्यूज पोर्टलों से  दुनिया में उत्तराखंड की जनकारी  सबसे पहले मिल रही है। 

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नई दिल्ली (पहाड़ों की गूंज) उत्तराखंड की टिहरी गढ़वाल की रियासत जब भारत सरकार में विलय हुई तो राज्यवासियों को जोभी हक हकूक जल जंगल जमीन के मिले थे उनको बहाल करने के अनुबंध किया है ।राज्य में जिलाधिकारी का पद नहीं था। सब डिविजन मजिस्ट्रेट  हुआ करता था जमीन के लिए अधिकार देने अधिकारी  आर ओ ही होते हैं।  उत्तराखंड में जल जमीन के लिए किशोर उपाध्याय पूर्व मंत्री एवं अध्यक्ष उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने काफी आंदोलन किये हैं। आज उत्तराखंड में  9 प्रतिशत कृषि भूमि में सरकारें बेचती रही हैं।हमें बनवासी का हक मिलने के लिए कार्यकरने की आवश्यकता है। उत्तराखंड के लिये भू-क़ानून बनाने और वनों पर उत्तराखंडियों के पुश्तैनी हक़-हकूक और वनाधिकार बहाली के लिये उत्तराखंडियों ने सांसदों और केन्द्र सरकार को जगाने व ध्यानाकर्षण हेतु जन्तर-मंतर पर धरना दिया,
पुलिस द्वारा अनुमति न दिये जाने के बावजूद उत्तराखंडी धरने पर जमे रहे।
आन्दोलनकारियों ने माँग की कि अन्य हिमालयी राज्यों की तरह उत्तराखंड के लिये भी वहाँ की ज़मीनों को बचाने के लिये
क़ानून बनाया जाना चाहिये, जिससे वहाँ के जन, जल, जंगल व ज़मीन को बचाया जा सके।वनाधिकार क़ानून-2006 को राज्य में लागू किया जाय और वनाधिकार क़ानून की भावना के अनुरूप उत्तराखंडियों को वनों पर उनके विरासती सामुदायिक और व्यक्तिगत अधिकारों व हक़-हकूकों को उन्हें वापस किया जाय।
आन्दोलनकारियों ने कहा कि राज्य की 91% भूमि उत्तराखंडियों ने राष्ट्र व मानवता की रक्षा के लिये समर्पित कर रखी है। मात्र 9% भूमि पर वहाँ के निवासी गुज़र-बसर कर रहे हैं या तो राज्य के निवासियों को इस भूमि को वापस किया जाय या उसकी क्षतिपूर्ति दी जाय।
क्षतिपूर्ति के रूप में वहाँ के निवासियों को Forest Dweller घोषित किया जाय और देश के अन्य भागों के Forest Dwellers को जो सुविधायें दी जा रही हैं, उत्तराखंडियों को भी दी जायँ, जिसमें वहाँ के निवासियों को क्षतिपूर्ति के रूप में राज्य के निवासियों को बिजली, पानी व रसोई गैस निशुल्क दी जाय। परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार पक्की सरकारी नौकरी दी जाय।केंद्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण दिया जाय, जंगली जानवरों से जन हानि पर 25 लाख ₹ मुवावजा और प्रभावित परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी दी जाय।जड़ी-बूटियों के दोहन पर स्थानीय समुदाय का अधिकार हो तथा जल सम्पदा व नदियों पर लोकाधिकार हो।
यह बिलकुल सही और उपयुक्त समय है जब वन तथा वन्य पशु से सम्बन्धित क़ानूनों की समीक्षा ज़रूरी हो गयी है, ये नियम-क़ानून स्थानीय समुदायों पर कुठाराघात करते हैं।
आन्दोलनकारियों ने कहा कि वे केंद्र व राज्य सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि इन जायज़ माँगों को तुरन्त स्वीकार किया जाय, बल्कि विधान सभा चुनावों से पहले इस पर निर्णय लिया जाय।
इस मुहीम को आगे बढ़ाने के लिये जन संगठनों, सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों को भी जोड़ने का काम किया जायेगा और भविष्य के आन्दोलन की रूप रेखा बनायी जायेगी। इस सांकेतिक धरणा की अध्यक्षता उत्तराखंड कांग्रिस पूर्व मंत्री एवं पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय द्वारा की गई धरणा में उपस्थित अखिल भारतीय कांग्रिस कमेटी के सह सचिव हरीपाल रावत , उत्तराखंड आंदोलनकारी एवं समाजसेवी अनिल कुमार पंत “आम आदमी पार्टी” के प्रताप थलवाल, राजेंद्र भंडारी ,राजेश राणा, वरिष्ठ साहित्यकार रमेश चंद्र घिल्डियाल , वरिष्ठ पत्रकार अमर चंद, वरिष्ठ समाजसेवी अजय सिंह बिष्ट , ,राकेश नेगी , मंजू रतूड़ी ,राधा आर्य ,रजनी जोशी ढौंढियाल हर्षवर्धन खंडूरी, सूरज प्रहरी ,उमा जोशी, जीपीएस रावत,अजय शर्मा, कृष्णा धरने में थे।

 

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श्रीगणेशाय नमः 24×7 देखते रहे पहाड़ों की गूंज यूट्यूब ,www.ukpkg.comन्यूज पोर्टल वेव चैनल शेयर कीजयेगा, देव भूमि के अंदर अपने पन की आवाज,दुनिया को महसूस कराने से पर्यटन,तीर्थाटन हरिद्वार, यमनोत्री, गांगोत्री,सेम मुखेम,केदारनाथ, बदरीनाथ,हेमकुण्ड, बागेश्वर, जागेश्वर, रीठा साहब से लाखों लोगों को सद्भावना से रोजगार दिलाने का पुण्य प्राप्त करें। उत्तराखंड […]

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