उत्तराखंड निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, शाम पांच बजे मतदान का समय खत्म होने तक प्रदेश में 68 फीसदी से ज्यादा मतदान रिकार्ड हो चुका था. हालांकि, मतदान स्थलों के बाहर मतदाताओं के कतारों में लगे होने की वजह से इस संबंध में अंतिम आंकड़े बाद में आ पायेंगे.
छिटपुट घटनाओं को छोड़कर पूरे प्रदेश में मतदान शांतिपूर्ण ढ़ंग से संपन्न हुआ. मतों की गिनती 11 मार्च को होगी और उसी दिन नतीजे घोषित होंगे.
कर्णप्रयाग सीट पर 12 फरवरी को बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी कुलदीप कान्वासी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु के कारण वहां स्थगित हो गये चुनाव के कारण आज प्रदेश की 70 में से 69 सीटों पर ही मतदान हुआ. कर्णपयाग सीट पर मतदान के लिये चुनाव आयोग ने अब नौ मार्च की तारीख घोषित की है.
प्रदेश में मतदान को सुचारू ढंग से संपन्न कराने के लिये राज्य पुलिस सहित करीब 30,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था और करीब 60,000 मतदानकर्मियों को भी ड्यूटी में लगाया गया था.
प्रदेश में इन विधानसभा चुनावों में पहली बार तीन सीटों, हरिद्वार जिले के भेल रानीपुर, देहरादून जिले के धर्मपुर और ऊधमसिंह नगर जिले के रूद्रपुर, में वीवीपैट मशीन का भी प्रयोग किया गया जिसके जरिये मतदाता खुद यह देख सकते हैं कि उनका वोट उसी प्रत्याशी को गया है जिसके लिये उन्होंने ईवीएम पर बटन दबाया था.
उत्तराखंड में ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है लेकिन करीब एक दर्जन सीटों पर निर्दलीय के रूप में खड़े दोनों राजनीतिक दलों के बागी नेता अपनी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के चुनावी गणित को खराब करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.