योग हमारी प्राचीन विरासत का बहुमूल्य उपहार है -मुख्यमंत्री

Pahado Ki Goonj

योग हमारी प्राचीन विरासत का बहुमूल्य उपहार है-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि योग हमारी प्राचीन विरासत का बहुमूल्य उपहार है जो मनुष्य की मानसिक व शारीरिक शक्ति में वृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाने में सहायता करता है। नियमित योग अभ्यास तनाव कम करने, जीवन को संतुलित बनाए रखने तथा असंभव लक्ष्य को पाने में विशेष भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि योग भारत की प्राचीनतम और समृद्ध परम्परा की एक पहचान है। पूरी मनुष्यता को हमारे ऋषि-मुनियों की यह महत्वपूर्ण देन है। योग साधना के द्वारा हम शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग के द्वारा आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है। योग के लिये दुनिया भारत की ओर देख रही है। योग ने देश व दुनिया को स्वस्थता का भी संदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग ने मनुष्य की सुख शान्ति की राह प्रशस्त की है। महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है। हर मनुष्य का परम लक्ष्य सुख और शांति की प्राप्ति है जिसमें योग की बड़ी भूमिका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शरीर और मन दोनों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दिनचर्या में योगासनों को शामिल करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है। योग से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। योग का अभ्यास शरीर, श्वास और मन को जोड़ता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच के कारण आज योग को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना देशवासियों के लिये गर्व की बात है। प्रधानमंत्री जी के सार्थक प्रयासों से आज योग जन जन तक पहुंचा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के तीसरे ऐतिहासिक कार्यकाल में इस वर्ष 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन 21 जून 2024 को *”स्वयं एवं समाज के लिए योग”* सूत्र के साथ किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी गौरवशाली सनातन संस्कृति का मूल आधार ’’वसुधैव कुटुम्बकम’’ है। अनेकों वैश्विक चुनौतियों और षड्यंत्रों का सामना करने के बावजूद भारत ने कभी भी मानवीय मूल्यों से हटकर आचरण नहीं किया और हमारी इस लोक कल्याणकारी अवधारणा का आधार हमारी संस्कृति है, जिसके मुख्य स्तंभों में एक योग भी है। इसी वजह से योग आज दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है जो विश्व को भारतीय संस्कृति के साथ और अधिक प्रगाढ़ता से जोड़ने का काम कर रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राज्य में मुख्य कार्यक्रम पार्वतीकुण्ड आदि कैलाश पिथौरागढ़ में आयोजित किया जायेगा। जिसमें मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करेंगे। इसके साथ ही प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालयों में और 300 आयुष्मान आरोग्य मंदिरो में योग दिवस के कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।
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आदि योगी भगवान शिव की पवित्र भूमि आदि कैलाश पर ‘योग’ का सुखद अनुभव..*

*#InternationalYogaDay*

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिये हैं कि जल संरक्षण और संवर्द्धन को जल आंदोलन के रूप में लिया जाए। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने शुक्रवार को सचिवालय में बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल संरक्षण के लिए आधुनिक और कारगर तकनीक के इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं संचय के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाए और इसके लिए जन सहयोग भी लिया जाए।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि नगर निकायों, प्राधिकरणों, पंचायतीराज और वन विभाग द्वारा जन सहभागिता से कन्टूर ट्रेंचेज, रिचार्ज पिट, चाल-खाल और चेक डैम बनाये जाए। महिला मंगल दलों, युवक मंगल दलों और जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वालों का इसमें सहयोग लिया जाए। जल संरक्षण और संवर्द्धन के लिए राज्य और जनपद स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाए। वर्षा जल संचय की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। नगरीय क्षेत्रों भूमि का जल स्तर बढ़ाने के लिए सरकारी भवनों के रूफटॉप वाटर को प्रचलित माध्यमों से जमीन तक पहुंचाया जाए।

अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्षा जल संचय के साथ ही जल के दुरूपयोग को रोकने के लिए भी लोगों में जागरूकता लाई जाए। उन्होंने कहा कि वर्षाकाल में पेयजल लाईन के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में उनकी तत्काल मरम्मत की जाए। जनपदों में जल संचय के लिए चाल-खाल और अमृत सरोवर और नये चेक डैम बनाने की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए सभी विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें।

बैठक में सचिव श्री शैलेश बगोली, उपाध्यक्ष एमडीडीए श्री बंशीधर तिवारी, अपर सचिव श्री नितिन भदौरिया, अपर मुख्य कार्यकारी स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीना ग्रेवाल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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 *तन, मन और आत्मा का संगम – ‘योग’*

*अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देवाधिदेव महादेव भगवान शंकर की पवित्र भूमि आदि कैलाश में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हो कर योग किया।*

*हमारे देश द्वारा समस्त विश्व को दी गई ‘योग’ रूपी अमूल्य धरोहर से आज करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। आइए, इस अवसर पर हम सभी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक शक्ति हेतु योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने एवं अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करने का संकल्प लें।*

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[21/06, 5:52 pm] Ravi Bijarniya: *आदि कैलाश से मुख्यमंत्री ने दिया योग का संदेश*

*अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भगवान शंकर की पवित्र भूमि आदि कैलाश में किया गया योगाभ्यास*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने समुद्रतल से लगभग 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलाश में योग कर पूरे विश्व के शिवभक्तों को आदि कैलाश दर्शन का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन से आज सीमांत के गांवों की तस्वीर बदल रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के पार्वतीकुण्ड आदि कैलाश के दर्शन के बाद व्यास घाटी में आदि कैलाश, ॐ पर्वत, कैलाश दर्शन, काली मंदिर, व्यास गुफा आदि तीर्थ स्थलों के दर्शन को हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भगवान शिव की प्रवास स्थली में योग कर दुनिया के सैलानियों और तीर्थयात्रियों को आदि कैलाश के साथ ही इस समूची व्यास घाटी की यात्रा का न्योता देने के साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपेक्षा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत द्वारा विश्व को दी गई ‘योग’ रूपी अमूल्य धरोहर से आज करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने इस अवसर पर सभी से शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक शक्ति हेतु योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने एवं अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करने की भी अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के सुदूर क्षेत्र में स्थित देवाधिदेव महादेव को समर्पित श्री आदि कैलाश और ओम पर्वत का अद्भुत वातावरण मन में भक्ति, शक्ति और असीम ऊर्जा का संचार करता है। पर्वत राज हिमालय की गोद में बसे गुंजी, कुटी और नाभीढाँग गाँव जहां व्यास घाटी की संस्कृति, परंपरा और विरासत को अपने आँचल में समेटे हुए हैं तो वहीं शिव-पार्वती मंदिर, गौरीकुंड, पार्वती सरोवर, व्यास गुफा और पाण्डव पर्वत सनातन धर्म की अनंत ऊर्जा का परिचय कराते हैं।

योग दिवस पर मुख्यमंत्री ने आदि कैलाश में योग कर देश दुनिया के तीर्थयात्रियों को आदि कैलाश, ॐ पर्वत और पार्वती सरोवर के दर्शन का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री का यह आह्वान मानसखण्ड मन्दिरमाला मिशन अभियान को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।

*प्रधानमंत्री की यात्रा से आदिकैलाश क्षेत्र को मिली अन्तरराष्ट्रीय पहचान*

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी बीते वर्ष 12 अक्टूबर को पिथौरागढ़ जिले के एक दिवसीय दौरे पर आए थे। तब प्रधानमंत्री ने ज्योलिंगकोंग पहुंचकर आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन किए थे। प्रधानमंत्री श्री मोदी की यात्रा ने आदि कैलाश धाम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देने के साथ ही मानसखण्ड में धार्मिक पर्यटन को नए आयाम प्राप्त हुए है। यहां पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी बढोत्तरी हुई है। इन दिनों हर रोज एक हजार से लेकर डेढ़ हजार तक की संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री ॐ पर्वत, आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन को पहुंच रहे हैं।

पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या से अब यह भी स्पष्ट है कि आगामी कुछ वर्षों में ही पिथौरागढ़ का यह सीमांत क्षेत्र बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। है। इससे इस क्षेत्र के चतुर्दिक विकास और स्थानीय कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा।

*पर्यटकों से गुलजार चीन बॉर्डर से सटे इलाके*

पिथौरागढ़ के सीमांत इलाके इन दिनों देश दुनिया के सैलानियों से गुलजार हैं। आदि कैलाश, पार्वती सरोवर और ॐ पर्वत के दर्शन को हर रोज बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। पिथौरागढ़ से लेकर ज्योलिंगकांग तक होटल और होम स्टे यात्रियों और पर्यटकों से पैक हैं। आदि कैलाश, पार्वती सरोवर, गौरी कुंड, ओम पर्वत देखकर यात्री अभिभूत हैं। हर रोज बस, टैक्सी और निजी वाहनों से ही नहीं बल्कि दोपहिया वाहनों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री धारचूला पहुंच रहे हैं।

*ऑनलाइन उपलब्ध है इनर लाइन परमिट*

कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद होने से शिवभक्तों का आदि कैलाश यात्रा के प्रति रुझान बढ़ा है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए चीन सरकार का वीजा लेना पड़ता है, जबकि आदि कैलाश के भारत की सीमा में ही होने से मात्र इनर लाइन परमिट पर ही यह यात्रा हो जाती है। पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को इनरलाइन परमिट के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए आनलाइन परमिट की व्यवस्था की गई है।

*यह है आदि कैलाश यात्रा का रूट*

आदि कैलाश की यात्रा के लिए सबसे पहले टनकपुर या हल्द्वानी होकर पिथौरागढ़ पहुंचना होगा। दिल्ली से बस या ट्रेन से आप हल्द्वानी या टनकपुर पहुंच सकते हैं। इसके बाद पिथौरागढ़ की यात्रा बस या टैक्सी से तय कर सकते हैं। पिथौरागढ़ से धारचूला तक की 90 किमी की दूरी टैक्सी से तय करने के बाद आगे के सफर के लिए इनर लाइन परमिट लेना अनिवार्य है। धारचूला से आदि कैलाश पहुंचने के लिए 80 किमी का सफर तय करना होगा। इसके लिए धारचूला में टैक्सियां उपलब्ध हैं। आगे पढ़ें 

भगवान भोलेनाथ की पावन धरा पर आने वाले पर्यटक, श्रद्धालु बन कर आयें-मुख्यमंत्री*

*गुंजी का बनाया जायेगा मास्टर प्लान*

*मुख्यमंत्री ने पार्वती सरोवर के निकट शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की*

*आदिकैलाश क्षेत्र में शत-प्रतिशत होमस्टे पर आधारित पर्यटन हों विकसित*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आदिकैलाश में आयोजित योग कार्यक्रम में योग कर देश व दुनिया को योग का संदेश दिया। योग के महत्व पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि योग में मानव जीवन को सुखमय बनाने की ताकत है। योग तन, मन और आत्मा का संगम है। मुख्यमंत्री ने आदिकैलाश क्षेत्र में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं का आह्वान किया कि भगवान भोलेनाथ की इस पावन धरा पर आने वाले पर्यटक, श्रद्धालु बन कर आयें। इससे उन्हें आत्मिक शान्ति का आभास होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में बडी संख्या में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के आगमन से स्थानीय लोगों को रोजगार व स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। स्थानीय खानपान को बढावा देने से स्थानीय उत्पादों को भी बढावा मिलेगा। ऊनी कालीन उद्योग भी यहां की आर्थिकी का आधार रहा है, इसे बढावा देने के प्रयास हों। उन्होंने इस क्षेत्र में नगरीयकरण में निर्मित होने वाले भवनों के निर्माण में स्थानीय वास्तुकला का ध्यान रखते हुए शत-प्रतिशत होमस्टे पर आधारित पर्यटन विकसित किये जाने पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में परिवहन सुविधा के मानकीकरण तथा इनर लाईन परमिट निर्गत करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किये जाने पर ध्यान देने को कहा। इस दिशा में संवेदनशीलता एवं पारदर्शिता का ध्यान रखना होगा इससे यहां आने वाले लोगों को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में देश व दुनिया से आने वाले लोगों को बिचौलियों के माध्यम से कोई परेशानी न उठानी पड़े तथा इस संवेदनशील सीमांत क्षेत्र में किसी प्रकार की अशान्ति न हो इस पर भी ध्यान देने की उन्होंने जरूरत बतायी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्राकृतिक जल श्रोत सूखने के साथ ही पर्यावरण दूषित हो रहा है। इस दिशा में परंमपरागत धारे, नौले, गधेरों को पुनर्जीवित करने के लिये कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें सभी को सहयोगी बनना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आदर्श राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाते हुए जल और जंगल के संरक्षण एवं संवर्द्धन में देश को दिशा देने का कार्य कर सके इसमें भी हम सबको योगदान देना होगा। पर्यावरण संरक्षण के लिये अधिक से अधिक वृक्षारोपण की भी मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि आने वाले समय मे गुंजी को मास्टर प्लान के माध्यम से शिवधाम बनाया जायेगा जिसमे स्थानीय लोगो के भी सुझाव लिये जायेंगे। गुंजी, नाबी, कुटी, नौटी, बूँदी के व्यक्तियों को विकास कि मुख्य धारा से जोड़ा जायेगा, जिसके लिए केंद्र व राज्य सरकार प्रयासरत हैं

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पार्वती सरोवर के निकट शिव मंदिर पहुंच कर कुटी समाज के रीति रिवाज़ से मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए उत्तराखंड की सुख समृद्धि तथा खुशहाली की प्रार्थना की।

केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा ने भी योग दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दी।

इस अवसर मे विधायक धारचूला हरीश धामी, ब्लॉक प्रमुख धन सिंह धामी, दायित्वधारी गणेश भंडारी, सचिव लोक निर्माण विभाग ड़ॉ पंकज कुमार पाण्डेय, आयुक्त कुमाऊ दीपक रावत, डीआईजी योगेंद्र सिंह रावत, जिलाधिकारी रीना जोशी, मुख्य विकास अधिकारी नंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, आयुष योग प्रशिक्षक एवं जनप्रतिनिधि आदि मौजूद थे।

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