देहरादून। राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को सीआईआई की उत्तर भारत वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया। इस कॉन्फ्रेंस में सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि लॉकडाउन के बीच सीआईआई को अपनी जिम्मेदारियों का पालन करते हुए सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था बुरी तरफ प्रभावित हुई है। इस कॉन्फ्रेंस के जरिए नई आशा और विश्वास का संचार होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में अभी तक कोरोना संक्रमण के 52 मामले सामने आये हैं, जिनमें से 33 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सीआईआई समाज के सक्षम वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है। सीआईआई की राज्य इकाई लगातार राज्य सरकार के सम्पर्क में है। मुख्यमंत्री राहत कोष में भी उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने अहम योगदान दिया है.मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने कहा कि भारत सरकार के आदेश के बाद राज्य में उद्यमियों को सुविधा भी दी गयी है। उद्योग के संचालन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के माध्यम से 20 अप्रैल से अभी तक 1,171 उद्योगों को संचालन की अनुमति दी गई है। लॉकडाउन के बीच राज्य में आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली कंपनियों को छूट दी गयी है। साथ ही फार्मा और खाद्य पदार्थ उत्पादन के लिए 1,884 इकाइयों को संचालन की अनुमति दी गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कॉन्फ्रेंस में कहा कि आईटीसी, हिन्दुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले, ब्रिटानिया और डाबर जैसे बड़े उद्योग अपना उत्पादन शुरू कर चुके हैं। ऑटो सेक्टर की टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, अशोक लेलैंड और महिंद्रा ने भी उत्पादन शुरू कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।लॉकडाउन के बीच राज्य की आर्थिकी पर पड़ने वाले असर को कम करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी इन्दु कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में विभिन्न उपायों और विकल्पों का अध्ययन कर रिपोर्ट पेश की जाएगी।सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सिडकुल औद्योगिक क्षेत्रों में लीज, रेंट के भुगतान की अंतिम तारीख 30 अप्रैल से 30 जून की गयी है। साथ ही जल संयोजन/उपयोग प्रभार, सीवर शुल्क आदि के भुगतान की तारीख 31 मई की गयी है। जल एवं वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के तहत नवीनीकरण की तारीख 30 जून तक बढ़ाई गयी है।इसके अलावा भवन और अन्य निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों को 2-2 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। मार्च से मई 2020 तक औद्योगिक और वाणिज्यिक श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं से फिक्स्ड चार्ज के भुगतान में छूट और देर से बिलों के भुगतान में लेट सरचार्ज में भी छूट दी गयी है। बिजली के बिल का भुगतान करने में असमर्थ रहने पर कनेक्शन काटने पर रोक लगाई है।