वनविकास निगम कर्मचारी संगठन ने सरकार से
सेवा नियमावली को अस्तित्व में लाने कि उठायी माँग ।
देहरादून :-
वन विकास निगम कर्मचारी संगठन ने सरकार से
सेवा नियमावली को अस्तित्व में लाने कि उठायी माँग ।
देहरादून :-
उत्तराखण्ड वन विकास निगम कर्मचारी संगठन के मुख्यालय “अरण्य विकास भवन में प्रान्तीय अध्यक्ष ललित शर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक की गयी
बैठक में मुख्य रूप से उत्तराखण्ड वन विकास निगम की सेवा नियमावली को उत्तराखण्ड शासन द्वारा अब तक पारित न करने पर भारी आक्रोश व्यक्त किया गया। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि उत्तराखण्ड वन विकास निगम की स्थापना सन् 2001 में हो गयी थी। तब से आज तक तत्कालीन उत्तर प्रदेश वन निगम की सेवा नियमावली को (अंगीकृत) कर ही कर्मचारियों के अधिष्ठान सम्बन्धी मामलों पर कार्यवाही की जाती रही है ,जबकि इन 20 वर्षों में समय रहते ही उत्तराखण्ड वन विकास निगम की सेवा नियमावली बन जानी चाहिए थी। सेवा नियमावली के अस्तित्व में नहीं आने के कारण सबसे अधिक प्रताड़ित व दुष्प्रभाव के शिकार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हो रहे हैं, क्योंकि उक्त के आभाव में उन कर्मचारियों का 25% की दर से स्केलर पद पर पदोन्नति नहीं हो पा रही है जबकि वर्तमान में वन विकास निगम के फील्ड कार्यों को सुचारू रूप से करने हेतु स्केलर कार्मिकों का अत्यधिक आभाव है, जिससे उत्तराखण्ड शासन भी पूर्ण रूप से परिचित है। इससे अतिरिक्त अन्य पदों पर भी लगातार कार्मिकों की सेवानिवृत्ति होने के कारण वन विकास निगम में कार्यों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। संगठन के उप महामंत्री राजेंद्र सिंह राणा ने शासन और सरकार से अनुरोध किया कि शीघ्र अतिशीघ्र प्राथमिकता के आधार पर सेवा नियमावली को आगामी कैबिनेट में लाकर वन विकास निगम हित में पारित करनी चाहिए । बैठक का संचालन गिरीश नैथानी, महामंत्री द्वारा की किया ।
बैठक में मुख्य रूप से प्रेम सिंह चौहान (व०उपाध्यक्ष), विनोद बहुगुणा (अध्यक्ष टि०क्षे०), सूरत सिंह बंगरी (मंत्री दि०क्षे०), राजेन्द्र सिंह राणा, किरत सिंह नेगी, शहजाद अली, कमलेश जोशी, श्रीमती लक्ष्मी चौहान, देवी राम सेमवाल, सुनील पुण्डीर, सूरत सिंह बंगारी,
आदि उपस्थित रहे।