उत्तराखण्ड राजनैतिक स्वाभिमान मंच की अपील
मूडी की भारत का विश्वस्तता या साख की परख ( Credit Rating) एक आम भाषा में होती क्या है ??
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विश्वस्तता या साख की परख ( Credit Rating) यह कहा जा सकता है एक तरह साख का मुल्यांकन है l जैसे की जब आप सबजी मडी से या दुकान दार से सब्जी या सामान लेने से पहले यह देखते हैं की यह सब्जी वाला ईमानदार हैं , सब्जी का ठीक दाम लगlता हैं , सब्जी ताजा देता हैं , तोलने में बेमानी तो नहीं करता आदि आदि l वेसे ही जब आप किसी दुकान में जाते हैं तो देखते हैं कि दुकान कैसी हैं , आपका पूराना अनुभव कैसा था उस दुकान दार के साथ , सामान की quality कैसी हैं , दाम ठीक होते हैं की नहीं आदि और तब आप यह निर्णय करते हैं की इस दुकान से सब्जी या सामान लेना हैं की नहीं l
तो यह एक तरह की उस दुकान दार् / सब्जी वाले की अlपने Credit Rating या साख मुल्यान्कन किया और उस सोच के साथ निर्णय किया की करना क्या हैं l
एसे ही मूडी जैसी अंतरराष्ट्रिय साख मुल्यांकन / Credit Rating कम्पनीय़ां किसी देश की अर्थव्यवस्था, व्यापार की सुविधा , सरकार की योजना के अनुसार एक वैज्ञानिक (Scientific) तरीके से मुल्यान्कन करती हैं l
पर क्या सारी रेटींग /मुल्यान्कन सही होती या हो सकती हैँ ?? नहीं l क्यूंकी वो सब कुछ सूचनाओँ के आधार पर निर्धारित किया जाता है जिसमे से , कुछ तो लोगों से पूछताच करके कुछ सरकार के आंकडे और बाकी कम्पनियो से सूचना पर आधारित होती है l 125 करोड की ज़नसंख्या वाले देश में मुश्किल से 5-7 हजार लोगों की opinion , सरकारी ड़ाटा , न्यूज पेपर और दुसरे समाचार माध्यमो से ली गयी detail पर आधारित होते हैं l
भारत को अच्छी रेटिंग देने वाले मूडीज ने अमेरिका को दी थी 2008 यही रेटिंग, ऐसी मंदी आई कि उल्टा उसी पर लगा था भारी जुर्माना l
अब यह समझिये क्यूंकी असली पेंच कहाँ हैं और क्या हैं ..यह सारी अंतरराष्ट्रिय साख मुल्यांकन / Credit Rating कम्पनीय़ां
को अंतरराष्ट्रिय कम्पनीय़ां कंट्रोल करती है और अपने आकाओं के दिये गए गाईडलाईन के अनुसार
अंतरराष्ट्रिय साख मुल्यांकन / credit rating करती हैं l
अब ये भी समझ लें की क्या यह सारी अंतरराष्ट्रिय साख मुल्यांकन / Credit
Rating दे रही इससे भारत के व्यापारियो का कोई लेना देना नहीं , ना भारत के आम आदमी को कोई फायदा होता हैं l हाँ नुक़सान हो सकता है l
अब यह भी समझे की वो कैसे यह जो मूडी की भारत की अंतरराष्ट्रिय साख मुल्यांकन / Credit Rating का बडे जोर शोर से प्रचार सरकार और उसके समर्थक कर रहे हैं उससे कोई फायदा क्या भारत के व्यापारियो या जनता को होगा ?? सायद नहीं l क्यूंकी य़े यह सारी अंतरराष्ट्रिय साख मुल्यांकन /
credit rating सिर्फ ये बताने के लिये है विदेशी व्यापारी जो पैसा भारत में लगाएंगे वो सुरक्षित पहले से ज्यादा होगा , उन्हे व्यापार में अब कम दिक्कत आयेगी , उन्हे अच्छा मुनाफा मिलेगा , रोक टोक कम होगी आदि l इसका मतलब यह हुआ की इस्ट इंडिया कम्पनी अब नए नाम से आसानी से भारत में आकर अपनी मर्जी के अनुसार पैसे कमायेगी , लोगों का शोषण करेगी , खूर्दरा व्यापारीयों का काम बन्द करा देगी , टैक्स तो जनता को देना हैं उसकी वसुली आराम से सरकार कर लेगी , भाईचारा खत्म होगा , पैसे नहीं दे पाये तो जेल होगी , आदि .
यह अंतरराष्ट्रिय साख मुल्यांकन/ credit
rating का आम आदमी या भारत के व्यापारियों को क्या लाभ होगा ? कैसे होगा ? क्यू होगा ?आदि यह सरकार क्या बता रही हैं जनता को ??
नहीं सिर्फ खुशियां मना रही और जनता को एक भ्रम् जाल में फंसा रही की देखो हमारी तारीफ विदेशी कर रहे हैं ?? अरे भाई वोट तो हमने दिया , हमे भी तो मौका दो तारीफ करने का ? हमारे को तो कभी नोट बन्दी से लाइन में लगा देते हो कभी GST से कभी digitisation … आदि आदि से सिर्फ परेसान करते हो l
आप सभी ध्यान से पढ़े और समझे और मुझसे लिखित में कुछ पुछें तो जवाब दे कर प्रसन्ता होगी l
धन्यवाद .
CA राजेश्वर पैन्युली
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