देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि राज्य शहीदों की भावनाओं के अनुरूप नहीं बन पाया है। इसलिए उत्तराखंड क्रांति दल अब नए सिरे से जनता के बीच जाकर उनका हाल जानेगी और विधानसभा चुनाव लड़ेगी. साथ ही इस राज्य का निर्माण शहीदों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए करेगी।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट का कहना है कि राज्य के गठन के बाद 20 वर्षों में प्रदेश में मंत्री और विधायकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन विकास के नाम पर प्रदेश की आवाम को सिर्फ छला गया है। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में बीते दिनों केंद्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक हुई थी, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गईं। उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उक्रांद रण में कूदेगा और राज्य को उसकी असली पहचान दिलाएगा।
वहीं, पूर्व विधायक और दल के प्रधान संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने कहा कि उक्रांद प्रदेश की आवाम को निःशुल्क बिजली और पानी देने के लिए प्रतिबद्ध है। दल शुरू से ही बड़े बांधों का विरोधी रहा है। वहीं, काशी ने प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा और ग्रीन बोनस दिए जाने की भी मांग की है। वहीं, चमोली में आई आपदा को लेकर उन्होंने कहा कि तपोवन में नदी के मुहाने पर ही बांध बना दिया गया है. ऐसे में ये हादसा एक चेतावनी भर है. अगर सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो इससे भी बड़ी आपदा के लिए तैयार रहना होगा।
उत्तराखंड क्रांति दल की ओर से बताया जा रहा है कि दल नए सिरे से जनता के बीच जाकर सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। दल का मानना है कि जिस राज्य की कल्पना आंदोलनकारियों, शहीद ने की थी प्रदेश उसके अनुरूप नहीं बना है। इसलिए यूकेडी लोगों के बीच जाएगी।