प्रदेश सरकार राज्य के बेरोजगार युवाओं के प्रति कितनी संवेदनशील है ,यह देखते ही बन रहा है। 23 जून से प्रदेश में सहाशिक खेलों पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी। यह कह कर प्रदेश सरकार की सहसीक खेलों की अपनी कोई नीति नही है। कोर्ट ने सरकार को 14 दिन में अपनी नीति बनाने के निर्देश दिये लेकिन अनसुनी सरकार ने 23 दिन बाद भी कोर्ट को नीति बना कर नही दे पायी है। जिससे साहसीक खेलों से जूडे समूह के युवाओं में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है। सरकार एक ओर तो इस समूह के लोगों से सालों से भारी भरकम टैक्स वसूल कर रही है । दुसरी ओर प्रदेश के हजारों युवाओं को जो अपने दम पर अपना रोजगार चला कर सरकार को टैक्स दे रहे है ,उनके रोजगार के बारे में सरकार को समय नही है। इस सरकार की एक खुवी भी है यह लोगों को शराब पिला कर उनके परिवारों को उजाड़ कर जो भारी भरकम राजस्व कमाने के लिए भाजपा की ड़बल इंजन की सरकार रातों -रात आपकारी नीति बना देती है । प्रदेश के शहरों ,गांव व कस्वों के चौराहों को नेशनल हाईवें से हटा कर शराब की दुकानों को स्थापित कर नकली शराब बेचने का कार्य कर रही है। जिससे कही परिवार हर रोज शराब की जद में आ रहे है। जिन लोगों ने अपनी मेहनत से रोजगार स्थापित किये है उन्हे यह सरकार बन्द करने का प्रयास कर रही है। 14 दिन के हार्ड कोर्ट के आदेश के बाद सरकार नीति प्रस्तुत नही कर पायी है। जो कोर्ट के आदेश के विरूध है। इस गम्भीर मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर वेरोजगार अपनी रोजीरोटी पर संकट को लेकर मानहानी का दावा करने का मन बना रहे है। उसका सबसे बडा कारण सरकारे जनता के प्रति जबाव देयी नही है। इसी कारण कोर्ट हर बात पर सरकार के निर्देशों को धता बता कर अपने निर्देश का पालन करवा रहा है ।सरकारे समझने को तैयार नही है इन्हे अपने पांच साल पूरे करने है आज की सरकारे जनता के कामों पर ध्यान न दे कर ,अपने कामों में लगे। क्या पता आने वाले पांच साल विपक्ष या सड़को पर काटने पडे। सरकार की अनदेखी का खामियाजा अब स्थानिया वोट , राफटींग, पैराग्राईडीग व कैम्पीग से जूडे लोगो को भुगतना पड़ रहा है । आलम यह है कि बैंको से कर्ज से उठाई करोडों रुपयों की वोट टिहरी झील में झील के लहरों के थपेड़ों के साथ धूल फांक रही है। प्रदेश सरकार सोते -सोते पर्यटन प्रदेश बनाने का सपना जनता को दिखा रहे है , लेकिन नीति नही बना रहे है।
उत्तराखंड सरकार उधार लेकर कर्मचारी की दे रही है पगार, अब पगार देने के लिए मजबूर है ड्बल इंजन की सरकार,अब सरकार से भुगतान का नाराज ठेकेदारों में इंतज़ार
Thu Jul 12 , 2018