रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग पर यात्रा करना हुआ मुश्किल
-चार दिनों से बांसबाड़ा में बंद पड़ा है राजमार्ग
-पांच दिन से अंधेरे में हैं गिंवाला मल्ला के ग्रामीण
-बारिश और भूस्खलन से जनपद के 21 मोटरमार्ग बंद
-कई गांवों का संपर्क ब्लाॅक एवं जिला मुख्यालय से कटा
-लिंक मार्गों को खोलने के लिए विभाग की मशीने लगी हुई हैं, लेकिन बारिश ने विभाग की परेशानियों को बढ़ा दिया है।
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ हाईवे बांसबाड़ा में चैथे दिन भी बाधित रहा। ऐसे में स्थानीय जनता एवं तीर्थयात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सोमवार सुबह शुरू हुई ही तेज बारिश देर शाम तक जारी रही। ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग रुद्रप्रयाग-गौरीकंुड कई जगहों पर दलदल में तब्दील हो गया। इसके अलावा भारी बारिश के कारण जिले के कई लिंक मार्ग ऐसे हैं, जो बंद पड़े हुए हैं। लिंक मार्गों को खोलने के लिए विभाग की मशीने लगी हुई हैं, लेकिन बारिश ने विभाग की परेशानियों को बढ़ा दिया है।
बीती रात को शुरू हुई बारिश ने जहां गर्मी से निजात दिलाई, वहीं इस बारिश को फसलों के लिए लाभकारी माना जा रहा है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या राजमार्ग पर आवाजाही करने की हो रही है। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग बांसबाड़ा में बंद चार दिनों से बंद पड़ा हुआ है। राजमार्ग पर ऊपरी पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं, जबकि राजमार्ग के निचले हिस्से से भी भूंधसाव हो रहा है। ऐसे में कार्य करने में भी दिक्कतें हो रही हैं। राजमार्ग के चार दिनों से बंद रहने से केदारघाटी की जनता और तीर्थयात्रियों की समस्याए बढ़ती जा रही हैं, जबकि राजमार्ग पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है। इसके अलावा लिंक मार्गों की हालत भी बद से बदतर हो चुकी है। इधर, बारिश के कारण अगस्त्यमुनि के गिंवाला मल्ला के ग्रामीण पांच दिनों से अंधेरे में रात गुजारने को मजबूर हैं। क्षेत्र को जोड़ने वाली विद्युल लाइन क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। आपदा प्रभावित केदारघाटी में मानसून सत्र में बिजली विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली प्रशासन के दावों की पोल खोल रही है। क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति न किये जाने से विभाग के नकारापन को दर्शा रहा है। वहीं बारिश और भूस्खलन के कारण जिले के अंतर्गत 21 मोटरमार्ग बंद पड़े हुये हैं, जिस कारण अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क ब्लाॅक एवं जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में विगत कई दिनों से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी ठप पड़ी हुई है। बारिश के कारण ग्रामीण जनता का जीना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों को कई किमी का पैदल सफर तय करने के बाद आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करनी पड़ रही है।
लगातार हो रही बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में जनता परेशान है। बारिश से आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों को जोडने वाले मोटरमार्ग पिछले कई दिनों से बंद पड़े हुये हैं, जिस कारण ग्रामीण जनता की दिक्कतें बढ़ गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में समय पर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। रोजमर्रा की सामग्री भी ग्रामीणों को कई किमी पैदल चलकर गांवों में पहुंचानी पड़ रही है। मोटरमार्ग के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के पैदल संपर्क मार्ग भी ध्वस्त हो गये हैं, जिस कारण दिन-प्रतिदिन ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। बारिश और भूस्खलन के कारण जिले के 21 मोटरमार्ग बंद चल रहे हैं। सांसद आदर्श ग्राम देवलीभणिग्राम को जोड़ने वाला मोटरमार्ग भी बंद पड़ा हुआ है। इसके साथ ही छेनागाड़-बक्सीर मोटरमार्ग बंद होने से पूर्वी बांगर क्षेत्र के दर्जनों गांवों का संपर्क ब्लाॅक एवं जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर डेंजर जाने से बार-बार मलबा आ रहा है। मलबा साफ करने के लिए विभाग की मशीने लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि बांसबाड़ा में राजमार्ग को खोलने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अलावा लिंक मार्गों को खोलने के लिए मशीने तैनात हैं। लगातार हो रही बरसात से समस्याएं बढ़ रही हैं। ये ग्रामीण लिंक मार्ग पड़े हैं बंदः लोनिवि रुद्रप्रयाग के अन्तर्गत चोपड़ा-कुरझण-काण्डई मोटरमार्ग, तिमली-मरोड़ा, गंगतल-डांगी, काण्डई-कमोल्डी, छेनागाड़-बक्सीर, बच्वाड़-चोंरा, कोटखाल-जगतोली, ग्वाड़-खेड़ीखाल, विजयनगर-तैला बंद पड़े हैं। लोनिवि ऊखीमठ अन्तर्गत गुप्तकाशी-कालीमठ-कोटमा-जाल-चै मासी, मक्कू-पल्द्वाड़ी, बांसबाड़ा-कणसिल, मयाली-गुप्तकाशी, चन्द्रापुरी-गुगली, विजयनगर-पठालीधार, कमसाल-जगोठ, गुप्तकाशी-जाखधार मार्ग बंद है। इसके अलावा पीएमजीएसवाई रुद्रप्रयाग के तहत लमगौंडी-देवली, मनसूना-जुगासू, क्यार्क बैण्ड-पैलिंग एवं बाड़व-मल्ला-कांदी मार्ग बंद हैं।