हमें जिंदा रखने में 670000 सुधी पाठकों का साथ देने के लिए हृदय की गहराईयों बहुत बहुत साधुबाद
आज जनउपयोगी नीति के अभाव में पत्रकारों को हालात ने इतना गिरा दिया कि उसका दिमाग अपने सिद्धांतों का पालन नहीं कर पारहे हैं। वह असमर्थ कर दिया।एक प्रकार का अघोषित आपात काल का दौर सुरु होगया। इसप्रकार के माहौल में पोर्टल के670000 सुधी पाठकों का समाचार पोर्टल परिवार की ओर से हृदय की गहराईयों बहुत बहुत साधुबाद जिनके प्रयास से हमेशा जनसरोकार के मुद्दे सच्चाई से आगे प्रकाशित करने की कोशिश की जारही है ।स्वच्छ पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए सत्य कहने को जीवन में बढ़वा मिलता दिखाई दे रहा है । स्वच्छ पत्रकारीता को बढ़ावा दे कर लोकतंत्र तंत्र मजबूत करने का प्रयास सभी नागरिकों का होना चाहिए। आज देश लोकतंत्र शराब की बोतल में बिकने के लिए मजबूर हमारे कर्णधारों ने करदिया अभी पालिका के चुनाव सम्पन्न हुआ शराब पकड़ीं ।मार पीट जलुस की आवश्यकता नहीं होनी चाहिये । यही अराजकता की देन है कुछ काम कर ने के बाद नेताओं की शाख बढ़ जाती है। अराजकता ने पत्रकारिता की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई।आज पत्रकार बन्दुवा मजदूर हमारे देश में बना दिया। यह लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा । लोकतंत्र में वोट पाकर भष्मासुर बने नेताओं के कोरवों के राज में लोकतंत्र रूपी द्रोपदी का चीर हरण हो रहा है। पत्रकार को देश नेताओं ने अपने स्वार्थ सिद्ध करने का जरिया बनाने के लिए काम करवा रहे हैं।एक प्रकार से पत्रकारिता को बंदक बना दिया है।जो सरकार के खिलाफ लिखरहा है ।वह ढूंढ़ने पर भी नहीं मिल रहा है।उसको मौत के घाट उतार रहे हैं।