पिथौरागढ़ : कैलास मानसरोवर पैदल यात्रा में इस वर्ष दो पड़ाव कम हो जाएंगे। इन दोनों पड़ावों तक सड़क निर्माण का काम पूरा हो गया है। सड़क बन जाने से यात्रियों की पैदल यात्रा में 24 किमी. की कमी आ जाएगी। अब आठ की बजाए छह पैदल पड़ाव ही रहेंगे।
जून में होने वाली कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए शीघ्र ही पंजीकरण शुरू हो जाएंगे। अब तक यात्री दिल्ली से आधार शिविर पिथौरागढ़ जिले के धारचूला तक बसों से पहुंचते हैं। धारचूला से मांगती तक छोटे वाहनों से यात्रा की जाती है। मांगती से पैदल यात्रा शुरू होती है।
इस यात्रा में पहला पड़ाव उच्च हिमालयी क्षेत्र स्थित गाला रहता था। गाला के बाद यात्री सिर्खा, बूंदी, गुंजी, कालापानी, नाभीढांग होते हुए लिपूलेख दर्रे को पार कर तिब्बत पहुंचते हैं। लगभग 80 किलोमीटर की पैदल यात्रा आठ दिन में पूरी होती थी।
इन दिनों सीमा तक सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। इसी क्रम में सड़क गाला से होते हुए सिर्खा तक पहुंच गई है। अब यात्रियों को गाला और सिर्खा में रात नहीं बितानी होगी। यात्रियों का पहला पड़ाव बूंदी में होगा और कुल दूरी 80 किमी की बजाए 56 किलोमीटर ही तय करनी होगी। सड़क निर्माण कर रही सीमा सड़क संगठन के अनुसार इसी साल सीमा तक सड़क निर्माण का काम पूरा हो जाएगा।