इस बार बजट में नो टैक्स, नो सेस; आमजन को राहत

Pahado Ki Goonj

देहरादून : प्रदेश में अप्रैल में होने वाले निकाय चुनावों का असर प्रदेश के आगामी बजट पर नजर आएगा। सरकार ने साफ किया है कि बजट में न तो कोई नया कर लगाया जाएगा और न ही कोई सेस। फिलहाल पुराने टैक्स में भी बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव नहीं है। प्रदेश सरकार जो भी बजट लाएगी, वह महिलाओं, युवाओं समेत सभी प्रदेशवासियों के हित में होगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र से भी 8500 करोड़ से ज्यादा की धनराशि की मांग की है।

शनिवार को सोशल मीडिया में प्रदेशवासियों से बजट पर सुझाव लेते हुए वित्त मंत्री ने यह बात साझा की। उन्होंने बताया कि रोजगार सृजन, रोजगार मुहैया, किसान हित, महिला हित का संरक्षण, स्वास्थ्य व शिक्षा सभी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कई योजनाओं में सरकार से भी सहयोग मांगा है।

प्रदेश के हर घर में पानी पहुंचे, इसके लिए प्रदेश सरकार राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत केंद्र से 300 करोड़ रुपये सालाना की मांग रखी है। अभी केंद्र से 90:10 के अनुपात में यह सहायता मिल रही है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रदेश सरकार को इसमें केवल 82.92 करोड़ रुपये ही मिले थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश ने जमरानी बांधी के लिए भी 2900 करोड़ रुपये की मांग रखी है। पर्यटन विकास परिषद के तहत मसूरी, नीलकंठ और पूर्णागिरी में पीपीपी मोड पर रोपवे बनाने के लिए 310 करोड़ रुपये की मांग की गई है। सर्व शिक्षा अभियान के बकाया 1202 करोड़ रुपये अवमुक्त करने के लिए भी केंद्र से सहयोग किया गया है। केंद्रपोषित योजनाओं समेत विभिन्न मदों में 5468 करोड़ की मांग की गई है।

सड़कों को गोद लेने का अनुरोध 

वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश की 1840 सड़कें खराब हैं। गांवों के भीतर की सड़कें खराब हैं। केंद्र के सहयोग से बनाने के साथ ही गोद लेने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग में 3045 करोड़ के उपयोगिता प्रमाण-पत्र ने भेजे जाने के कारण 3045 करोड़ रुपये अवमुक्त नहीं हो पाया है। इसके लिए भी केंद्र से अनुरोध किया गया है। सरकार पुरी कमियों को दूर कर देगी। उम्मीद है कि यह पैसा वापस मिल जाएगा।

ग्रीन बोनस की भी की गई है मांग 

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि हिमालयी राज्यों की विपरीत भू-संरचना, मौसम, वनावरण, फैली बसावटें भिन्न हैं। यह राज्य अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से भी सटे हुए हैं। इसके लिए अनुरोध किया गया है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए कुल प्लान बजट का दो प्रतिशत ग्रीन सेस के रूप में दिया जाए।

केंद्रीय परियोजनाओं के रूप में विकसित हों नई योजनाएं 

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि केंद्र से नए प्रोजेक्ट देने का अनुरोध किया गया है। इसमें महाभारत सर्किट विशेष रूप से शामिल है। इसमें महाभारत काल से जुड़े स्मारकों व स्थानों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाना है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जौलीग्रांट, पंतनगर, नैनीसैनी, गोचर व चिन्यालीसौड़ में हवाई पट्टी विकसित करने का भी अनुरोध किया गया है।

 

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