देहरादून,सरकारी स्कूलो मे शिक्षा का स्तर बढाने के लिए शिक्षको अभी प्रेरित करने की आवश्यकता है ।ऐसे शिक्षक जो मेहनत करके बच्चो को शिक्षा व विधालय के लिए अन्य सुविधाऐ उपलब्ध कराते है उन्हे पदोन्नती एवम वेतन वृद्धि का लाभ मिलना चाहिए। शिक्षा का राकीयकरण हो तो भविष्य के लिए अति उत्तम होगा जिससे महंगी शिक्षा से बच्चो के अभाव को निजात मिल सकेगा ।सरकारी व महाविद्यालयो मे गुणवत्तापूर्ण (व्यवसायिक)शिक्षा प्रदान करने की उचित व्यवस्था हो ताकि इससे छात्र-छात्राओ को शुरू से ही विभिन्न विषयो का शूक्ष्म एवं विस्तृत ज्ञान मिलता रहे ।सरकार के मुख्य अंग जनपरतिनिधियो और सेवको के बच्चो का प्रवेश सरकारी विधालयो मे अनिवार्य किया जाए। कम से कम (10+2)वर्ग तक यदि यह लोग अपने बच्चो को सरकारी विधालयो मे नही प्रवेश दिलाते तो इन्हे पदोन्नती न दी जाए। सरकारी स्कूलो मे अभिभावको की बैठक अनिवार्य कर देनी चाहिए। नहीतो उन्हे भी सरकारी योजनाओ के लाभ से वंचित कर देना चाहिए। देश के बच्चो को एक सही दिशा देने के लिए जैसे – संस्कारित,अनुशासित,नशामुक्त, एवं देश प्रेमी बने ।इसके लिए प्रत्येक कक्षा मे (10+2)अनिवार्य
विषय के रूप मे नैतिक शिक्षा को स्थान दिया जाए।
व उसके नम्बर भी जोडे जाए। शिक्षको को गैरशैक्षणिक कार्यो (जनगणना,बी एल ओ ,पशुगणना,मध्याह्न भोजन,)से दूर रखा जाए। जिससे उनका अध्यापन कार्य सुचारूरूप से चलता रहे ।इन कार्यो का असर बच्चो के अध्ययन कार्य पर ना पडे ।जिससे बच्चे अपने कार्य को पूरा करने के लिए इधर-उधर ना भटके वह अपनी मजिलं तक पहुंच सके, अध्यपिका द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव दिए है. इन सुझाव का संज्ञान विभगीय सलाहकार लोगों को लेने की आवश्यकता है को भेजना चाहिए
श्रीमती सुनीता बिजलबाण /रा0इ0का0नथुवावाला देहरादून।
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