हरिद्वार। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के श्री महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत प्रयागराज में हो गई थी. इसके बाद से संत समाज शोक में है। मंगलवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के शिष्य बलबीर गिरि के आदेश पर हरिद्वार के बिल्केश्वर मंदिर पर उनके शिष्यों द्वारा श्रद्धांजलि सभा रखी गई। इसमें निरंजनी अखाड़े से जुड़े संतों ने श्री महंत नरेंद्र गिरि को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा पर सीबीआई की जांच का असर देखने को मिला है। बड़े साधु-संतों और खास लोगों ने दूरी बनाई रखी।
बीती 25 सितंबर को सीबीआई की टीम महंत नरेंद्र गिरी की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए प्रयागराज के बाघम्बरी मठ पहुंची थी। सीबीआई ने इस मामले की जांच के लिए छह सदस्यों की जांच टीम गठित की थी। यहां सीबीआई की टीम अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में हत्या या आत्महत्या के बीच उलझी गुत्थी सुलझाने की कोशिश कर रही है। कयास लगाए जा रहे है कि सीबीआई के नजरों से बचने के लिए श्रद्धांजलि सभा में बड़े संत नहीं दिखाई दिए।
इस सभा के दौरान बलबीर गुरु के शिष्य दिगंबर पुरी ने कहा कि जिन हालातों में श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु हुई है, वह तो सीबीआई जांच का विषय है, लेकिन जिस तरह से श्री महंत नरेंद्र गिरि ने अपने लेटर में लिखा है कि उनके बाद उनका उत्तराधिकारी बलबीर गिरि को बनाया जाए, उसका पालन होना चाहिए। महंत नरेंद्र गिरि के बाद बलबीर गिरि ही बाघम्बरी गद्दी का संचालन कर सकते हैं। वह उनके परम प्रिय शिष्य थे। उनका यह अधिकार भी है। वहीं उन्होंने बताया कि 5 अक्टूबर को महंत नरेंद्र गिरि की षोडसी है. जिसके बाद उनका उत्तराधिकारी चुना जाएगा। लगभग तय है कि बलबीर गिरि ही उनके उत्तराधिकारी बनेंगे। इसका निर्णय निरंजनी अखाड़े के पंचों द्वारा लिया जाएगा। गौरतलब है कि 20 सितंबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि प्रयागराज के आश्रम में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। कहा गया कि उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में एडीजी प्रशांत कुमार ने बयान जारी किया था। एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि का शव बाघम्बरी मठ आश्रम के कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला था। शिष्यों ने दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा था।