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स्टोरी -3 ,ए वी इन्फ्राटेक प्रा. लि.की गोकुल रेजीडेंसी के निदेशक नीरज गुप्ता के द्वारा ग्राहकों साथ धोका धड़ी की मिसाल पेस कर रहे हैं

Pahado Ki Goonj

देहरादून,दून विश्विद्यालय रोड़  बंगाली कोठी टिहरी नगर के सामने  ए.वी. इन्फर्टेक प्रा लि कम्पनी  की गोकुल रेजिडेंसी  नाम से  रियल स्टेट  की 7 मंजिल के दो आवासीय अपार्टमेंट बनाने के लिए   फिलेट की बुकिंग 2014में इस आशय से ग्राहकों से सुरु कर रुपये लिए 2017 में फिलेट पर कब्ज़ा मिल जाएगा। जब इनके द्वारा  फिलेट की बुकिंग कर चुके तब इन्होंने Av Infratech Pvt से

कम्पनी 2015 में बनाई और भूमि पूजन किया

गया है कि आज4 साल अनुबंध के अनुसार ज्यादा बीत गए परन्तु  काम पूर्ण कराने का इरादा नहीं लगता है।

यह फोटो में मलबा 2020   की वर्षात में रेजीडेसी के जगह जगह फैला मलबा  बेस

मेन्ट में  इकट्ठा कर दूसरी बर्षात आने वाली है पड़ा हुआ बीमारियों को जन्म दे रहा है।

 

एक साल बाद उन्होंने भूमि पूजन किया वह भी  ग्राहकों के जोर देते हुए इन्होंने कराया गया है ।फिलेट अपने रिटायर होने के समय  अपने परिवार को  सुभिधा देने के लिए  कराते हैं।

भू तल में अभी तक वायल पेन्ट नहोने से गंदगी  दिवलो पर भरी भरि पड़ी है।

 

सिनीसर सीटीजन  कानपुर विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर इंद्र मणि सेमवाल ने अपने रिटायर मेन्ट होने की तिथि  को देखते हुए फिलेट बुक 2014 में  किया था ।

उन्हें समय पर फिलेट नहीं मिलने से वह 15000 रुपये महीने किराया पर रह करते
थे। जब  इन्होंने तय समय पर फिलेट नहीं  बनाये तब लोगों ने अपने मकान बनाये के लिए।

 

अतिरिक्त व्यय भार इस महंगाई में उठाया जिसके गुना गार गौकुल रेजीडेन्सी बनाने वाले निदेशक मंडल कीहै

भू तल की छत पर जिसजगह  को बन्द नहीं करने से भंवरे, चिड़िया आये दिन जान माल को छति पहुंचाने का भय बना रहता है

फिलेट बेचे गये हैं  उनको अनुबंध के अनुसार 2017 में बना कर नहीं देने से काफ़ी नुकसान पहुंचा है  ।जिन फिलेटो को हैड ओवर किया गया है।उनके नल की फ़ोटो देखेकर अंदाज लगायेगा।

  1. उनकी वास बेसन का नल  की फ़ोटो देख कर अंधा हाथ धोने के लिए लगाने की जगह हाथ गन्दे करने वाले लगाए गए हैं।दीवारों पर वायल पेंट नहीं लगा है, अलमारी सीमेंट के सिलेब की बनाने का अनुबंध में है
  2. वहां हल्के प्लाईवुड की लगी है जबकि देहरादून में दीमक  के प्रकोप को देखते हुए  कीमती कपड़ों की  सुरक्षा के लिए सीमेंट की अल्मारी को पसंद कर बुक किया है।  वह सुभिधा देने के मूड में नहीं है।

जिन लोगों को 2 साल पहले आधा सुभिधा का फेल्ट दीया है ।उनकी सीधे पन का बेवजह फायदा उठाते हुए अन्य लोगों को भी सुभिधा नहीं देरहे हैं।

गेट पर एक माह से बलिया खड़ी कर रखी है जिससे सिनीयर सीटीजनो की गाड़ियों को आने जाने में दिक्कत होती है। और अपराधियों की भांति व्यबहार यह है कि 7 मंजिल के भवन की सीढ़ियों को चढ़ने की झंझट से  2 लिफट दिखाने के लिए लगी हुई है  जिनमें एक बिजली कनेक्शन  से चलती है।जबकि24 घण्टे बिजली उपलब्ध कराने की शर्त् हैंं । इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने 14 जनवरी2021 को बॉयर्स के हित फैसला दिया है। कि बिजली पानी अनुबन्ध की शर्तें के अनुसार सुभिधा देनी है।

7मंजिल के ऊपर गर्मी में चढ़ने से जहां सिनीसर सीटीजनो  एक मंजिल की 16 सीढ़ियां हैं 7 मंजिल तक चढ़ते चढ़ते  सांस फूलने लगती है। वहीं  जगह  का कम घनत्व की जगह से चलने में पसीना आने और कोविद के नियमों को पालन करने में  चलने वाले लोगों को नुकसान होने की संभावना बनी रहती है।

बिजली बैकप के लिए इन्होंने 17000 रुपये 102  फिलेट मालिक से इकठ्ठे  कर अभी तक जनरेटर को बिजली बैकप के लिए नहीं जोड़ा है। जाने अगली स्टोरी में कौन है नीरज गुप्ता कहाँ काम करते हैं।

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