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श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, शीतकाल में मुखवा में होंगे मां गंगा के दर्शन । उत्तरकाशी। मदनपैन्यूली। विश्व प्रसिद्ध चार धामों में उत्तरकाशी जनपद के श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये गए हैं। इसके साथ ही मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखबा के लिए रवाना हो गई।
रविवार को 12 बजकर 15 श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। देश भर जुटे हजारों श्रद्धालु कपाट बंद होने की प्रक्रिया के गवाह बनें।
कपाट बंद होने की प्रक्रिया तड़के शुरू कर दी गई थी। विशेष पूजा अर्चना के बाद ठीक 12 बजकर 15 मिनट पर स्थानीय प्रशासन की मौजूदगी में शीतकाल के लिए कपाट बंद कर दिए गए। इसके साथ ही मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखबा के लिए रवाना हो गई। इसकेइस बार कोरोनाकाल के चलते मां गंगा के गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने पर श्रद्धालुओं की भीड़ में कमी देखने को मिली. लेकिन उसके बाद भी देश के विभिन्न प्रदेशों से सीमित संख्या में जिन यात्रियों ने इस पावन बेला पर गंगा मां के दर्शन किए, वो काफी अभिभूत नजर आए. वहीं, मां गंगा की डोली पैदल जांगला मार्ग से शाम को मुखबा गांव से 3 किमी पहले मार्कण्डेय मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी. जहां पर स्थानीय लोग और यात्री रात भर मां गंगा के साथ अन्य देवी-देवताओं का कीर्तन भजन करते हैं. 16 नवंबर को भैयादूज के अवसर पर मां गंगा की डोली दोपहर मुखबा गांव के लिए रवाना होगी. जहां पर ग्रामीण मां गंगा का भव्य स्वागत करेंगे. उसके बाद शीतकाल में मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा में गंगोत्री तीर्थ पुरोहित के द्वारा मां गंगा की 6 महीने तक विधिवत पूजा करते हैं साथ ही उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट बंद होने का सिलसिला भी शुरू हो गया। 16 नवंबर को श्री यमुनोत्री और श्री केदारनाथ कपाट बंद होंगे। आदिधाम श्री बदरीनाथ के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे।
इस मौके पर श्री गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, दीपक सेमवाल, राजेश सेमवाल, हरीश सेमवाल सहित गंगोत्री तीर्थ पुरोहित एवं सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।