देहरादून। शारदीय नवरात्रि गुरूवार से शुरू हो गए है। नवरात्रि में नौ दिनों तक मां भगवती के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की गयी।
शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर से शुरू हो गए है। नवरात्रि के पहले दिन मां के मठ-मंदिरों में भक्तों का तांता सुबह से ही दिखने को मिला। इसके अलावा मठ-मंदिरों के आसपास की दुकानें सजीं रही। भारी संख्या में भक्त मंदिरों में पहुंच भगवती मां की पूजा अर्चना के लिए पहंुचें, जिन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पूजा-अर्चना की।
नवरात्रि में नौ दिनों तक मां भगवती के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। मां शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना जाता है। मान्यता है कि मां शैलपुत्री की जो श्रद्धालु सच्चे मन से उपासना करता है, उसकी सारी मुराद पूरी होती है।
नवरात्रि में नौ दिन भी व्रत रख सकते हैं और दो दिन भी. जो लोग नौ दिन व्रत रखेंगे वो लोग दशमी को पारायण करेंग। और जो लोग प्रतिपदा और अष्टमी को व्रत रखेंगे वो लोग नवमी को पारायण करेंगे। व्रत के दौरान जल और फल का सेवन करें। ज्यादा तला भुना और गरिष्ठ आहार ग्रहण न करें। अगर आप भी नवरात्रि के व्रत रखने के इच्छुक हैं, तो व्रत रखन के लिए इन नियमों का पालन करना चाहिए।
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना कर नौ दिनों तक व्रत रखने का संकल्प लें। पूरी श्रद्धा भक्ति से मां की पूजा करें। दिन के समय आप फल और दूध ले सकते हैं। शाम के समय मां की आरती उतारें। सभी में प्रसाद बांटें और फिर खुद भी ग्रहण करें। फिर भोजन ग्रहण करें। हो सके तो इस दौरान अन्न न खाएं, सिर्फ फलाहार ग्रहण करें। अष्टमी या नवमी के दिन नौ कन्याओं को भोजन कराएं। उन्हें उपहार और दक्षिणा दें.अगर संभव हो तो हवन के साथ नवमी के दिन व्रत का पारण करें।