नई दिल्ली,। पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तानी सेना और आतंकियों के बैट (बॉर्डर एक्शन टीम) दस्ते ने शनिवार को उत्तरी कश्मीर के केरन (कुपवाड़ा) सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर एक भारतीय सैन्य चैकी पर हमले का प्रयास किया, जिसे सेना ने नाकाम करते हुए सात बैट हमलावर मार गिराए। भारतीय सेना ने रविवार को पाकिस्तानी फौज को एलओसी पर मारे गए बैट जवानों/आतंकियों के शवों को ले जाने का प्रस्ताव भेजा।
सैन्य अधिकारियों के अनुसार, केरन सेक्टर में केल कुल्लियां इलाके से पाकिस्तानी सेना के बैट दस्ते ने भारत की एक अग्रिम निगरानी चैकी पर बड़ा हमला करने के लिए नियंत्रण रेखा पार की। भारत की निगरानी चैकी में तैनात सतर्क जवानों ने बैट दस्ते को देख लिया। जैसे ही बैट दस्ता एलओसी से आगे पहुंचा, जवानों ने उसे ललकारते हुए फायरिंग शुरू कर दी। जान बचाकर भागते हुए बैट दस्ते के सदस्यों को एलओसी के पास गिरते देखा गया है।
सूत्रों ने बताया कि सीमा पर तनाव और गोलीबारी के चलते शवों को हटाया नहीं जा सका है। सेना ने सबूत के तौर पर उनमें से चार शवों की सैटलाइट तस्वीरें ली हैं। बैट दस्ते में करीब सात सदस्य शामिल थे। दो शव एलओसी पर पाकिस्तानी सेना की सीधी फायरिंग रेंज में पड़े हैं और चार से पांच शव पाकिस्तानी इलाके में ही हैं। बता दें कि पाकिस्तान की ओर से कश्मीर में शांति भंग करने की लगातार कोशिश की जा रही है।
सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी सेना सीमा पर फायरिंग की आड़ में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की भारत में घुसपैठ कराने की फिराक में है। खुफिया इनपुट के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद के करीब 15 आतंकी घुसपैठ की ताक में हैं। इसीलिए वह सीमा पर रुक रुक कर फायरिंग कर रहा है। यही वजह है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तानी फौज को सफेद झंडे के साथ आने प्रस्ताव दिया है। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।
पाकिस्तानी सेना ने शनिवार देर शाम पुंछ के मेंढर एवं बालाकोट सेक्टर में भारी गोलाबारी की जिसका भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। कल शाम को करीब सवा आठ बजे पाकिस्तानी सेना ने दोनों सेक्टरों में एकाएक भारी गोलाबारी शुरू कर दी। शाम करीब सवा आठ बजे पाकिस्तानी सेना ने दोनों सेक्टरों में एकाएक भारी गोलाबारी शुरू कर दी। अग्रिम चैकियों के साथ रिहायशी क्षेत्रों को निशाना बनाकर मोर्टार दागना शुरू कर दिए। इससे सीमांत क्षेत्रों में दहशत फैल गई।
सूत्रों ने यह भी बताया कि मसूद अजहर का भाई इब्राहिम अजहर पीओके में घुसपैठ कराने साजिश में शामिल है। मौजूदा वक्त में इब्राहिम अजहर ही पीओके में जैश-ए-मोहम्मद को संचालित कर रहा है। खुफिया इनपुट में कहा गया है कि जैश के 15 आतंकी पीओके के अलग-अलग प्रशिक्षण कैंपों में पहुंच चुके हैं। यही वजह है कि भारतीय सुरक्षाबलों ने आतंकवाद के खिलाफ अपना अभियान भी तेज कर दिया है। बीते दो दिनों में शोपियां और सोपोर में जैश-ए-मुहम्मद के दो आतंकी मारे गए हैं।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना ने श्रीनगर में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करके कहा था कि आतंकी अमरनाथ यात्रियों पर हमले की फिराक में हैं। सुरक्षा बलों ने अमरनाथ यात्रा से हथियार, आइईडी और स्नाइपर राइफल बरामद किया है। सुरक्षा बलों को जो हथियार और गोला बारूद बरामद हुए हैं उनमें पाकिस्तान के आर्डिनेंस फैक्ट्री में बनी एंटी पर्सन माइन भी शामिल है, जो हमले की साजिश में सीधे पाकिस्तानी सेना के शामिल होने का सुबूत दे रही है। यही कारण है कि तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें घाटी से लौटने के लिए कहा गया है।
पाकिस्तान ने यह संदेश दिया है कि जो देश व वतन के लिए शहीद हुए हैं उनकी हमारे लिए कोई कीमत नहीं है।जो पहले बंटवारे के समय गये वह दूसरे नम्बर के नागरिक बने हुए हैं।अब इस दहसत गर्दी में भारत के मुस्लिम समुदाय के लोगों को समझना चाहिये कि भारत को माँ का दर्जा दिया गया है यह संस्कार से दिया है।हमारे देश के संस्कार में शहीद की सहादत को बहुत बड़े सम्मान दिया जाता है।दूसरी तरफ पाकिस्तान अपने 4 कमांडो सैनिकों की लाश की परवाह नहीं है।इसके लिए भारत के आंतक बाद के लिए तैयार होने वाले युवाओं को सोच कर अपनी उर्जा भारत के निर्माण में लांगने के लिये काम करना चाहिए।