देहरादून : मौसम की मार इस मर्तबा खेती-किसानी पर भारी पड़ी है। पांच जिलों में औद्यानिकी फसलें प्रभावित हुई तो कृषि में सात जिलों में रबी की मुख्य गेहूं समेत अन्य फसलों को 10 से 30 फीसद तक क्षति पहुंची है।
अलबत्ता, तीन जिलों में कृषि पर कम बारिश का कोई असर नहीं पड़ा। वहीं, तीन जिलों चंपावत, उत्तरकाशी व चमोली से अभी तक क्षति से संबंधित रिपोर्ट मिलनी बाकी है। उधर, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि नुकसान तय मानकों से कम है। फिर भी प्रभावित किसानों को कुछ न कुछ राहत देने के संबंध में गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
राज्य में इस बार कम बारिश के कारण रबी की मुख्य फसल गेहूं समेत अन्य फसलों की बुआई में विलंब हुआ। हालांकि, दिसंबर में कुछेक दिन बारिश हुई, लेकिन फिर इंद्रदेव रूठे-रूठे से रहे। ऐसे में सूखे जैसे हालात पैदा होने पर सरकार ने सभी जिलों में कम वर्षा के कारण फसलों को हुए नुकसान के संबंध में जिला कृषि अधिकारियों के साथ ही डीएम को सर्वे के निर्देश दिए गए।
कृषि से संबंधित 10 जिलों की सर्वे रिपोर्ट कृषि विभाग को मिल चुकी है। कब बारिश से रुद्रप्रयाग जिले में सबसे अधिक 30 फीसद नुकसान पहुंचा, जबकि छह अन्य जिलों में 10 से 20 फीसद तक। तीन जिलों में क्षति की कोई सूचना नहीं है। तीन जिलों से रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।
जिलेवार स्थिति
जनपद———————क्षति (फीसद में)
रुद्रप्रयाग———————–30
अल्मोड़ा————————20
पिथौरागढ़———————-12
बागेश्वर————————15
देहरादून————————15
पौड़ी—————————-15
नैनीताल———————–10