देहरादून:स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानी,टिहरी जनक्रांति के महानायक,84 दिनों तक आमरण अनशन कर देश और टिहरी राज्य के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले,टिहरी राजशाही के खिलाफ जबरदस्त विद्रोह कर राजशाही को हिलाकर रखने वाले,अमर शहीद श्रीदेव सुमन जी ने पत्रकारिता के रूप में काम कर आंदोलन को धार दी।
श्रीदेव सुमन जी का जन्म टिहरी गढ़वाल जिले की बमुण्ड पट्टी के ग्राम जौल में २५ मई, १९१६ को हुआ था। इनके पिता का नाम श्री हरिराम बड़ोनी और माता जी का नाम श्रीमती तारा देवीथा।श्री देव सुमन के बचपन का नाम श्रीदत्त बडोनी था। इनका बलिदान राज्य सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए 84 दिन के आमरण अनशन के बाद इनको रात्री में मारकर नदी में डाल दिया गया था इनकी मृत्यु पर इनका पार्थिव शरीर को परिवार एवं आंदोलन कारियों को नहीं दिखाया गया जिसकी सुनवाई नहीं हुई । मृत्यु 25 जुलाई 1944, टिहरी गढ़वाल जेल में हुई इनकी धर्म पत्नी: विनय लक्ष्मी सुमन टिहरी
गढ़वाल से उत्तरप्रदेश में विधायक रही। उनकी जयंती पर उन्हें पत्र परिवार की ओर से
कोटि नमन।
श्रीदेव सुमन अमर रहे।
चन्द्रशेखर पैन्यूली।