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संस्कृतरसास्वाद आज का पंचाग

Pahado Ki Goonj

संस्कृतरसास्वाद आज का पंचाग (Aaj Ka Panchang)
शुक्रवार का पंचांग (Shukrawar Ka Panchang)

1 जून 2018

महालक्ष्मी मन्त्र :

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥

।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
धन लाभ के लिए इस दिन शाम के समय घर के ईशान कोण / मंदिर में गाय के घी का दीपक लगाएं। इसमें रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे से बनी बत्ती का उपयोग करें और दिये में थोड़ी केसर भी डाल दें।

*विक्रम संवत् 2075 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य
*शक संवत – 1940
*अयन – उत्तरायण
*ऋतु – ग्रीष्म ऋतु
*मास – ज्येष्ठ (अधिक) माह
*पक्ष – कृष्ण पक्ष

तिथि (Tithi)- तृतीया – रात्रि 01:44 तक तदुपरान्त चतुर्थी ।

तिथि का स्वामी – तृतीया तिथि के स्वामी पार्वती शिव जी है तथा चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेश जी है ।

तृतीया तिथि की स्वामी माँ गौरी और कुबेर जी है । तृतीया को जया तिथि भी कहा गया है। केवल बुधवार की तृतीया को छोड़कर यह तिथि सभी शुभ कार्यों में सफलता दिलाने वाली कही गई है।
तृतीया तिथि में माँ गौरी जी की दूध मिठाई, अक्षत और सफ़ेद फूल से पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख सौभाग्य की वृद्धि होती है। तृतीया को देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर जी पूजा करने से जातक को विपुल धन-धान्य, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है ।

नक्षत्र (Nakshatra)- मूल – 05:53 तक तदुपरान्त पूर्वाषाढ़ा ।

नक्षत्र के देवता- मूल नक्षत्र के देवता निर्रुती (राक्षस) हैं एवं ग्रह स्वामी केतु है । पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के देवता क्षीर (जल देवता) हैं एवं ग्रह स्वामी शुक्र देव है ।

योग(Yog) – शुभ – 18:54 तक तदुपरान्त शुक्ल

प्रथम करण : – वणिज – 12:32 तक

द्वितीय करण : – विष्टि – रात्रि 01:44 तक

गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक दिन 7:30 से 9:00 तक ।

दिशाशूल (Dishashool)- शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यदि यात्रा आवश्यक हो तो घर से दही खाकर जाएँ ।

राहुकाल (Rahukaal)-दिन – 10:30 से 12:00 तक।

सूर्योदय -प्रातः 05:40

सूर्यास्त – सायं 07:08

विशेष – तृतीया तिथि को परवल नहीं खाना चाहिए ( तृतीया को परवल खाने से शत्रुओं की वृद्धि होती है । )

पर्व त्यौहार-

मुहूर्त (Muhurt) – तृतीया तिथि को यात्रा, शिल्प, चूड़ा कर्म, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश शुभ है।

“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
संस्कृतरसास्वादः

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