देहरादून। सल्ट विधानसभा उपचुनाव के दौरान कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हरीश रावत ने सल्ट विधानसभा के चुनाव में सिर्फ अंतिम दिन प्रचार किया, लेकिन सोशल मीडिया के जरिये वह लगातार गंगा के पक्ष में लोगों से वोट मांगते रहे। कभी वीडियो के जरिये वह लोगों को इमोशनल करते नजर आए तो कभी इस चुनाव को उन्होंने खुद के जीवन से जोड़ डाला। प्रचार के दौरान एक ट्वीट में रावत ने लिखा था कि अगर सल्ट की जनता गंगा को चुनाव में जीत नही दिलाती है तो ये उनके लिए जीते-जी मरने जैसा होगा। यही नहीं एक बेहद इमोशनल वीडियो भी उन्होंने जारी किया था। सल्ट विधानसभा उपचुनाव के नतीजे से जहां उत्तराखंड कांग्रेस की गुटबाजी फिर जगजाहिर हुई, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की साख पर भी बट्टा लगा। असल में इस उपचुनाव को कांग्रेस की तरफ से सीधे तौर पर हरीश रावत से जोड़कर समझा जा रहा था। क्योंकि रावत की कोशिशों से ही गंगा पंचैली को टिकट मिला था। लेकिन नतीजों के बाद कांग्रेस के हाथ केवल निराशा ही लगी। सल्ट विधानसभा उपचुनाव में टिकट बंटवारे के समय से ही कांग्रेस की गुटबाजी सामने आई थी। पूर्व सीएम हरीश रावत जहां गंगा पंचैली को टिकट दिए जाने के पक्ष में थे। वहीं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और एक दौर में हरीश रावत के दाएं हाथ कहे जाने वाले रंजीत रावत अपने बेटे और ब्लॉक प्रमुख विक्रम रावत के लिए टिकट मांग रहे थे। आखिरकार रावत की बात चली लेकिन वह गंगा की चुनावी वैतरणी पार लगाने में कामयाब नहीं हुए। जिसे राजनीतिक हलकों में सीधे हरीश रावत की हार माना जा रहा है।