वैसे अक्सर टीवी समाचार आजकल कम देखा करता हैं। क्योंकि कुछ समय से चीजें रूटीन से लगती हैं। भारत, पाकिस्तान कश्मीर , हिंदू और मुसलमान मीडिया का ट्रे ड बड़ा बेचैन करने वाला होता है। कभी लगता है शायद मीडिया अब समाचारों को दिखाने के बजाए परोसने और हमारी दिमागी समझ को कब्जा करने का माध्यम बन रहा है। क्योंकि वर्तमान समय में जो देश के सामने वास्तविक मुद्दे होने चाहिए थे उन्हें एक तरह से लगातार छिपाने का काम मीडिया कर रहा है। देश के बेरोजगार दम तोड़ते किसान और महिला हिंसा शायद कुछ भी नहीं है दिखाने के लिए। बस कुछ है तो लगातार एक अघोषित युद्ध को छेड़ने। देश के अंदर मजहबों की बड़ी दीवार खड़ी करने को लेकर है । शायद देश चुनाव की दहलीज पर है। अगर यह ध्यान रखकर ही समाचार परोसे जा रहे है,तो सचमुच यह बहुत खतरनाक है। इस पर सोचना चाहिए। इसे Facebook में शेयर किया मुझे ऐसा लगा कि इसे ग्रुप में भी शेयर करना चाहिए
तीनों को ना तो फांसी 14 फरवरी को दी गई और ना ही 14 फरवरी को फांसी सुनाई गई
Fri Feb 16 , 2018
*वैलेंटाइन डे के बहाने संघी ब्रिगेड भगत सिंह राजगुरु सुखदेव की शहादत दिवस से संबंधित अफवाहें फैला रही है। इन तीनों को ना तो फांसी 14 फरवरी को दी गई थी और ना ही 14 फरवरी को फांसी सुनाई गई। *प्रेम के बारे में भगत सिंह के यह विचार […]
