युग पुरुष विद्यादत रतुड़ी कर्मयोगी पुस्तक विमोचन की पूर्व मंत्री डॉ मोहन सिंह रावत गावँवासी निदेशक टी यच डी सी ,एवं सुबोध उनियाल मंत्री कृषि ,उद्यान एक साधारण परिवार में जन्में ग़रीब परिवार के संयुक्त रूप से दोहरी गुलामी अग्रजों के गुलाम टिहरी रियासत के राजा ,राजा के गुलाम प्रताप नगर की जनता जँहा 3 माह से ज्यादा अनाज बहुत कम लोगों का खाने के लिये होता है यानी 9माह परिवार के लालन पालन के लये रोजगार के लिये तलास करनी पड़ती उस परिवेश में मनुष्य घर से बाहर कामकी तलास के साथ साथ अपने विकास के लिए इस युग मे इधर से उधर दौड़ते देखे ने लिए कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है ।75वर्ष पूर्व उनके साथ पढे लिखे साथी घर से बाहर अपने रोज गार के लिये आर्ट आफ अर्निग से अपने को सम्मान बनाने के लिये लगे थे । वहीं विद्या दत्त रतुड़ी जी अनुसाशन में रहकर छेत्र एवं विश्व के लिए चिन्तन कर छेत्र में शिक्षा की अलख जगाने के लिये रात दिन लगे रहते थे।इसके लिये प्रतापनगर की जनता ने भरपूर सहयोग दिया।आज जँहा बच्चों के पढ़ाई के नाम शिक्षा के मॉस्टर ट्यूशन करने को मजबूर करते हैं ,वहीं सरस्वती इंटर कालेज लंबगांव प्रतापनगर टिहरी गढ़वाल के प्रधाना चार्य बचों को चार बजे सुबह दिसम्बर, जनवरी की ढंड में प्रति दिन प्रत्येक के कमरे पर जाकर उसको पढ़ाई के लिये जगाते थे ।निःशुल्क अतिरिक्त कक्षा लगा कर पढाई करना ।छेत्र एवं की सेवा करना है।पर्यावरण, कन्या बिक्रय ,शराब बंदी विश्व मे वलि प्रथा राजराजेश्वरी मंदिर थाति में सर्ब प्रथम रोकने का महान कार्य करना,महिला सशक्तिकरण, बुजुर्गों का सम्मान विद्यालय में करना छात्रों को संस्कार बान बनाने के लिये अपना जीवन अभाव ग्रस्त छेत्र में विता कर एक बहुत बड़ा लक्ष्य लेकर समाज एवं देश की सेवा की देव डोलियों का निर्विघ्न विश्व के सबसे बड़े समागम हरिद्वार कुम्भ में स्नान करना ।इन कामो के लिये स्वयं सेवी संस्थाएं 50 अरब रुपये खर्च करके ऐसे महान कार्य नहीं कर सकतेहैं। प्रतापनगर की जनता को साथ मे लेकर उनका अमूल्य समय धन का सदुपयोग रतुड़ी जी ने देश के लिये कराया।इस योगदान को देश के लिये भुलाया नही जा सकता विद्या दत कर्म योगी पुस्तक के विमोचन के अबसर बाल दिवस 14 नवम्बर2017 के मोके पर सम्मान देने की सार्थक पहल की आयोजन गौरव का समय है ।आयोजन स्थल पर गरिमा मय उपस्थित में सभी महान भाव ने उपस्थित होकर आयोजन में निखारता लाने के लिये सभी साधुबाद के पात्र हैं।पुष्पा बढेरा विद्यामन्दिर इंटर कालेज परिवार से सभी संस्थाओं को सबक लेना चाहिए कि आपने अपने गावं छेत्र में काम करने वाले समाज सेवियों को सम्मान देने में कंजूसी नकरे ताकि समाज को आदर्श बनाने के लिये लोग आगे आते रहे ।निस्वार्थ समाज सेवा ही हमे आगे बढ़ाने में सार्थक हो सकती है।