देशके मजदूरों को मई दिवस मनाने पर शुभकामनाओँ के साथ निवेदन

Pahado Ki Goonj

देश के मजदूरों का मई दिवस मनाने पर शुभकामनाएं एंव बधाई।
क्या आज अपनी अपनी नोकरी बचाने के लिए जी रहे हैं।

उत्तराखण्ड पत्रकार संघठन समन्वय समिति के संयोजक होने के नाते निवेदन।
देहरादून,मित्रों बड़े दुःख के साथ पत्रकार साथियों से व वेव मीडिया से जुड़े लोगों से अर्ज कर कहना चाहता हूँ कि हंसों के बीच बगुला की भी सुनेंगे तो अपने नीब के पत्थर के ऊपर नजर पड़ती रहेगी। तब लोकतंत्र के मकान के चौथे कोना सुरक्षित रहने के लिए अपनी कमियों की सुरक्षा के साथ साथ अन्य लोगों के दुख दूर करने का कार्य किया जा सकेगा ।
हम सबके भलाई के लिए जीते हैं।और अच्छा कार्य करने का कार्य करते हैं। उसीका परिणाम जो उतने संघठनों का होना भी है।और अपनी हैसियत दिखाने के लिए आर्ट ऑफ अर्निंग का कार्यक्रम बनाते हुए हमारे मार्ग दर्शक संघठनों में तेतीस कोटि के देवता होगये हैं। जिन्होंने पत्रकारिता की सारी रस्सी जला दी पर अहम की गांठ नहीं खुल रही है।
हमने लखनऊ उत्तर प्रदेश के जमाने में वर्ष 1985 में टिहरी बांध में आवश्यकता से ज्यादा बिस्फोटक पदार्थ के प्रयोग से होने वाले नुकसान। और देव भूमि उत्तराखंड के ऊपर बांधों से वास्तविक विकास के लिए उत्तराखंड के बुद्धिजीवी वर्ग की बैठक करनी चाही। आगे प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र के टिहरी गढ़वाल में सुखा पड़ेगा उसका असर उत्तराखण्ड में पड़ेगा । विकास पुरूष स्व नारायण दत्त तिवारी की सरकार में, मा0 कृषि मंत्री शिव बालक पासी थे। प्रेस क्लब में माननीय स्व कुशला नंद उनियाल जी उत्तराखण्ड सरकार के माo कृषि मंत्री सुबोध उनियाल जी के चाचा श्री ने लखनऊ के जाने माने पत्रकार विद्यासागर जिन्होंने माया में स्टोरी लिख कर मा भजनलाल की सरकार को हरियाणा से चलते करा दिया था। अपने लोगों के साथ साथ । गिनती करने पर उस समय उत्तराखण्ड के बुद्धिजीवी वर्ग लखनऊ में 300 से ऊपर लेखक ,पत्रकार , चित्रकार प्रोफेसर,वैज्ञानिक, जज, आईएएस आईएफएस ,आईपीएस पीसीयस, वैज्ञानिक, इंजीनियर ,राज नेता निकलने से उसी वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस की उत्तराखण्ड के वास्तविक पलायन रोकने की बैठक की योजना वह हंसी मजाक में उड़ाते निकलने वाली अन्य बुद्धिजीवियों की साथ नहीं देने से नहीं हो पाई। क्यों कि पापी पेट है उसी की चिंता घर से दूर होती है।हम इस चिन्ता से मुक्त रहे। परन्तु मनुष्य होने के नाते हमें अपनी कही हुई बात को मनाने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।उसके बाद 1987 में टिहरी गढ़वाल सूखा पड़ा । उसका आंकलन कर उत्तराखण्ड के लोग कैसे जीवन यापन गावँ में करेंगे ।प्रसिद्ध पर्यावरण विद श्री सुंदर लाल बहुगुणा जी के साथ स्विजरलैंड के अर्थशास्त्री एंव पत्रकार अक्टूबर में बहुद्देशीय विकास मेला कोटाल गावँ भदूरा प्रतापनगर में बुलाने से पहले सूखे पड़ने के पत्राचार के आधार पर प्रतापनगर में 40 kg गेहूँ बांटने का कार्य किया कि ,वहां भी प्रत्येक घर में पत्रकार हैं ।यह योजना यहाँ के संघठनों को देखते हुए वहां भी उस समय सफल होने नहीं दी। आपके द्वारा प्रदेश एवं देश का भविष्य उज्वल देखने के लिए जुलाई 2013 से अक्टूबर 2013 तक 11 बैठक करने , मा oविधायकों माo अध्यक्ष विधानसभा के द्वारा सरकार को संस्तुति कराने पर पत्रकारों के लिए बड़ा पेलटफार्म दिखाई देने से जहां अपने ऊर्जा के सदुपयोग से खुशी हो रही है।वहीं बड़े कद के अहम से वहीं उनकी रावण की लंका बनाने के चलते मोह से पत्रकार कोरोना से काल के गास में समा गए। पर दर्जनों अख़बार के मालिक बनना अच्छी बात है।पर अपने साथियों का एक अखबार भी सूचीबद कराने के लिए प्रयास करना चाहिए। वहीं कल्याण कोष की बैठक नहीं करा सकना संघठनों को गौण बना देता है। साथ ही लोकतंत्र में सरकार की विज्ञापन के लिए जी हजूरी करने से जनता का पक्ष गौण न हो वह काम करने के लिए आपको पत्र का रजिस्ट्रेशन नंबर मिला है। हमें प्रदेश एवं सरकार को मजबूत बनाने के लिए काम करने की आवश्यकता है।और अपने को सरकार पर निर्भर नहीं रहने की आवश्यकता के लिए काम करने के लिए योजना पर काम करने की आवश्यकता है। इसके लिए पुनः बैठक कर आप के विचार सुझाव लेने के लिए बिचार आरहा हैं पर कोराना से पहले पीड़ित होचुका हूँ। उन बैठक में साथ देने वाले लोगों का प्रतिफल है कि आज 300 से ज्यादा पोर्टल अपना योगदान tv से पहले निशुल्क विश्व को समाचार दे रहे हैं । देेेश के

श्रद्धालुओं  एंव कर्मचारियों की पीड़ा को समझने के लिए भगवान बद्रीविशाल ने 2010 में बदरीनाथ बुलाया था

 

तब से  व 2011 से  श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर की व्यवस्था सुधारने के लिए सुझावों पर टोकन व्यबस्था का कार्य करने से यात्रा में बृद्धि हुई ।

चमोली

रुद्रप्रयाग से पांचों सीट  जीतकर आने से  सरकार बनी। कर्मचारी

चारी संघ के संरक्षक होने के नाते कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए 77 साल के इतिहास में प्रथम अधिवेशन कराने का वर्ष 2013 में सौभाग्य प्राप्त हुआ।वह भी नेता व कुछ  लोग पचा नहीं पाए ,उसके परिणाम दिखाई दे रहे हैं। अब आपलोगों ने यह बैठक सफल करदी तो आपके सुझाव से प्रदेश एंव देश को विश्व गुरु बनाने से कोई रोक नहीं सकता है। वह सौभाग्य आपको प्राप्त होगा। उस समय  सबसे बड़ा धन की कीमत है समझने का प्रयास करें। सभी पत्रकारों का बिवर्ण  के लिए सॉप्टवेयर विकसित कर  सभी के लिए विज्ञापन 5 लाख तक का सामान रूप से वितरण किया जाय बाकी हमारे पूज्य जी हजूरी ,भागदौड़ करने  वालों के खाते में स्वतः  चला जाय । सभी का 25 लाख का जीवन बीमा सरकार द्वारा किया जाय ।कल्याण कोष में 2003 से बृद्धि नहीं हुई उसके बढ़ाते हुए  प्रति वर्ष 1 करोड़ जमा किया जाय कोरोना काल में कुंभ के अखड़ों को एक एक करोड़ रुपए दिया गया है उतने ही रुपये में प्रत्येक गांव की वेबसाइट बनाने के लिए सरकार के धन का सदुपयोग होगा। का विषय है उत्तराखण्ड के प्रत्येक गाँव के लिए वेबसाइट बनवाकर  होम स्टे से रोजगार सृजित किया जाय ।पलायन रोका जाए।

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