**न्यूज चैनल और न्यूज पेपर वालों से निवेदन:*
*धधकती हुई चिताएं, मरीजों से भरे हॉस्पिटल, परेशान परिजन, सजी हुई अर्थी, दर दर भटकते परिजन, भुख से तड़पते राहगीर।*
*आखिर यह सब दिखाकर क्या जताना चाहते हैं आप लोग ।* सरकार की नाकामयाबी? वो तो आप बाद में भी कर सकते हो। अभी सिर्फ आम आदमी का सोचिये।
*महामारी है हम सबको पता है।*
*आउट ऑफ कंट्रोल है यह भी सबको पता है।*
👉 *रिपोर्टिंग करिए*
*ठीक हुए मरीजों का इंटरव्यू कराइए।*
*ऑक्सीजन सिलेंडर कहां मिल रहा है यह बताइए।*
*प्लाज्मा डोनर्स का डेटाबेस बनाए।*
*किस हॉस्पिटल में बेड खाली है यह बताएं।*
*एंबुलेंस सर्विस की डिटेल दें।*
*सेवा करने के लिए प्रेरित कीजिए।*
*कहां सुविधा उपलब्ध है उसकी जानकारी दीजिए।*
*जन प्रतिनिधियों को सामाजिक सेवा के लिये उकसाइऐ मजबूर कीजिए।*
*घबराहट फैला कर क्या साबित करना चाहते हैं आप ?*
*इतना डर का माहौल बना दिया जा रहा कि स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार पड़ता जा रहा है।* थोड़ा सा बुखार आने पर डिप्रेशन में आ जाते है कई लोग।
*मनोबल ऊंचा कर नहीं सकते तो तोडिऐ भी मत।*
*समस्याओं का समाधान ढूढे और ढूढ़ने मे मदद करें।*
*सभी का हौसला बढाईये।*
*नोट*: *अगर आप सभी सम्मानित साथी मेरी बात से सहमत हैं तो नैतिकता के आधार पर इस संक्षिप्त लेख को जरूर शैयर करे*।
*धन्यवाद* सुरेंद्र सिंह रावत पत्रकार एवं पहाड़ों की गूंज परिवार