देहरादून। उत्तराखंड के निजी स्कूलों की मनमानी से त्रस्त अभिभावकों की शिकायतों के बाद सख्त कदम उठाते हुए नई शिक्षा नीति के तहत विघालय नियामक प्राधिकरण का गठन किया है। जिसके बाद निजी स्कूलों की मनमाफिक फीस लिए जाने और अनावश्यक फीस बढ़ाए जाने तथा अभिभावकों के शोषण की पर अंकुश लग सकेगा।
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हल्द्वानी में प्रेस वार्ता करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि अब निजी विघालयों में स्कूल फीस के मामले हो या अभिभावकों के शोषण के मामले या फिर निजी विघालयों में काम करने वाले अध्यापकों के वेतन के मसले हो, इन सभी में सख्त कदम उठाते हुए न्याय मिल सके, इसके लिए सरकार ने विघालय नियामक प्राधिकरण का गठन किया है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत विघालय नियामक प्राधिकरण शिक्षा के स्तर में सुधार लाने सहित अभिभावकों व शिक्षकों की शिकायतों के निवारण के लिए प्रभावी रूप से काम कर सकेगा। पांडे ने कहा कि यह प्राधिकरण फीस एक्ट से 4 गुना ज्यादा ताकतवर होगा जिससे कि चौतरफा लगाम लग सकेगी। उत्तराखंड में शिक्षा के स्तर को सुधारने से लेकर शिक्षा के स्वरूप को बदलने के लिए यह विघालय नियामक प्राधिकरण मील का पत्थर साबित होगा।