नैनीताल। जिला रेडक्रास सोसायटी नैनीताल द्वारा बीडी पांडे अस्पताल में संचालित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के प्रोप्राइटर व सोसायटी के सचिव ने कहा है कि सीएमओ नैनीताल द्वारा अपर मुख्य चिकित्साधीक्षक की अध्यक्षता में गठित 30 सदस्यीय टीम की जांच रिपोर्ट को एसीएमओ ने तोड़मरोड़ कर भ्रामक तरीके से जिलाधिकारी को प्रस्तुत किया है। मनगढंत तथ्यों से गुमराह करने पर रेडक्रास सोसायटी ने कड़ा विरोध जताया है।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र नैनीताल की जांच में कई खामियां मिलने के बाद जिलाधिकारी ने जनपद में संचालित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की स्पेशल जांच करने की संस्तुति शासन से की है।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के प्रोपाईटर व सचिव ने कहा कि जांच के समय जो भी अभिलेख मांगे गये वह आनलाईन के साथ अलग से भी संरक्षित किये गये थे। कार्यरत फार्मेसिस्ट द्वारा विवरण उपलब्ध कराया गया। जिसका उल्लेख जांच रिपोर्ट में किया गया है। उसमे किसी प्रकार की खामियां नहीं पायी गयी। केंद्र के बेहतर संचालन के लिये सोसायटी द्वारा सुझाव दिये गये। उन्होंने कहा कि केवल दो वर्ष पूर्व आपूर्तित दवाओं के क्रय संबंधी बिल मांगे गये थे जो उपलब्ध करा दिये गये थे। उन्होंने कहा कि जिला रेडक्रास सोसायटी द्वारा संचालित सभी केंद्रों पर पंजीकृत फार्मेसिस्ट कार्यरत है जिनका चयन जिलाधिकारी की अनुमति से किया गया है। जबकि जनपद के अंदर प्राईवेट औषधि स्टोर रूम में 90 प्रतिशत पर केवल फार्मेसिस्टों के नाम पर लाईसेंस है। उन्होंने कहा कि जन औषधि योजना के अंतर्गत प्राविधानों के अनुसार सभी कार्रवाईयां पूर्ण करने पर वीपीपी अर्ह द्वारा ड्रग लाईसेंस, साफ्टेवयर व औषधियों की आपूर्ति एफ अनुबंध, रेडक्रास, चिकित्सालय प्रशासन व वीपीपीआई के मध्य होने के उपरांत ही उन्हीं के नियमों के अंतर्गत रेडक्रास जन औषधि केंद्रों का संचालन कर रही है। वीपीपीआई की गाईडलाईन व उनके द्वारा दी जाने वाले अंशदान से ही कर्मचारियों को वेतन दिया जाता है। जिलाधिकारी को जांच कमेटी द्वारा जो भी रिपोर्ट दी गयी। उसे एसीएमओ द्वारा तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया।