देहरादून। जल-जंगल-जमीन की बात करने वाली उत्तराखंड क्रांति दल को इस बार भी विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। प्रदेश में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे क्षेत्रीय दल यूकेडी को इस बार विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली। ऐसे में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए यूकेडी के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र पंवार ने संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया है।
उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे त्रिवेंद्र पंवार का कहना है कि बीते दिनों संपन्न हुए विधानसभा चुनाव 2022 में उत्तराखंड क्रांति दल को जिस तरह से आमजन ने नकारा है। वह हमारे लिए बहुत ही चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि हमें अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद तो नहीं थी, पर निराशाजनक प्रदर्शन की भी उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि यूकेडी को लगता था कि प्रदेश में दल 3 से 4 सीटें अवश्य जीतेगा और उस प्रदर्शन की बदौलत पार्टी व कार्यकर्ताओं को नई राजनीतिक ताकत मिलेगी। लेकिन विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने हमें नकारा जिसने पूरी पार्टी को चिंता में डाल दिया है। त्रिवेंद्र पंवार ने कहा कि विधानसभा चुनाव में पार्टी के लचर प्रदर्शन के लिए पार्टी नेतृत्व की सामूहिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक पद त्यागपत्र दे दिया है। त्रिवेंद्र पंवार ने कहा कि राज्य में भाजपा-कांग्रेस की ओर से जो भी व्यक्ति मुख्यमंत्री के तौर पर मनोनीत किया जाता है, वह हर निर्णय लेने के लिए दिल्ली स्थित आलाकमान पर निर्भर रहता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उनके पास इतने अधिकार नहीं रहते कि वह अपने मन मुताबिक किसी भी तरह का निर्णय ले सकें।