प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री श्री नृपेंद्र मिश्रा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गंगा स्वच्छता के प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने बताया कि राज्य स्तरीय गंगा समिति और जिला स्तरीय गंगा स्वच्छता समिति बनाई गई है। उच्च स्तर से लगातार प्रगति का अनुश्रवण किया जा रहा है। प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिनियम बनाया गया है। इसके तहत प्लास्टिक के उपयोग पर दंड का प्रावधान रखा गया है। गंगा में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को बंद करने का नोटिस दिया गया है। कुछ फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया है।
मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री को बताया कि नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी की 13 परियोजनाओं को पूर्ण कर दिया गया है। गंगोत्री सीवरेज की पूर्ण परियोजना को 15 अक्टूबर, 2017 तक बिजली कनेक्शन मिल जाएगा। इसी तरह से नमामि गंगे परियोजनाओं में 216.31 करोड रुपए की 11 परियोजनाएं अक्टूबर, 2017 तक पूर्ण हो जाएगी। 238.46 करोड़ रुपए की दो परियोजनाएं नवंबर, 2017 तक पूरी हो जाएगी। 396 करोड़ रुपए की 6 परियोजनाएं और 24.23 करोड़ रुपए की दो परियोजनाएं सितंबर, 2017 में पूर्ण हो जाएगी। उन्होंने बताया कि रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना के अंतर्गत चंडी घाट का विकास, 26 घाटों का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही सिंचाई विभाग द्वारा भी 35 घाटों का निर्माण किया जाएगा।
बैठक में सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी, नमामि गंगे परियोजना के निदेशक डाॅ.राघव लंगर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।