प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चारधाम(आॅल वेदर रोड) निर्माण के लिए इस माह हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। कहा कि प्राथमिकता के आधार पर इस महत्वपूर्ण परियोजना को गुणवत्ता के साथ करना है। प्रगति (प्रो एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इंप्लीमेंटेशन) की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने चारधाम सड़कों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी। केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के लिए सुरक्षित सुविधाजनक और सुगम यात्रा सुविधा तीर्थ यात्रियों को मिल सकेगी।
मुख्य सचिव ने बताया कि 11700 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली 889 किमी सडक निर्माण के लिए टाइमफ्रेम तय करके कार्य किया जा रहा है। 889 किमी में भारत सरकार द्वारा 395 किमी के कार्य स्वीकृत हुए थे। इनमे से 340 किमी के कार्यों को अवार्ड कर दिया गया है। सड़क की टू-लेनिंग के लिए भूमि जनवरी के पहले सप्ताह में सौप दिया जाएगा। मुआवजा वितरण के बारे में मुख्य सचिव सिंह ने बताया कि 190 करोड़ रुपये प्राप्त धनराशि में से 145 करोड़ रुपये 10 हजार किसानों को वितरित कर दिया गया है। नवम्बर में प्राप्त 28.54 करोड़ रूपये का वितरण एक हफ्ते में हो जायेगा। 250 हेक्टेयर वन भूमि का क्लीयरेंस हो गया है।
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के बारे में मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य सरकार ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन(डी.एम.एफ.) का गठन कर निर्देशों का पालन किया गया है। डी.एम.एफ. में खनिज क्षेत्र में प्रभावितों को चिकित्सा सुविधा, स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति, कल्याणकारी परियोजनाएं और प्रभावित क्षेत्रों में खनन से क्षति हुई पारिस्थितिकी की बहाली शामिल है।
गौरतलब है कि 11,700 करोड रूपये की लागत से 889 किमी वाली चारधाम (आॅल वेदर रोड) टू-लेन बनाई जा रही है। इसमें चम्बा(टिहरी) और राड़ीटाॅप(उत्तरकाशी) में सुरंग, 15 बडे पुल, 101 छोटे पुल, 3596 कलवर्ट, 12 बाईपास, 29 स्लाइड जोन में सुरक्षा दीवार, 33 सड़क किनारे जन सुविधा केन्द्र और सभी सड़को पर क्रैश बैरियरध्पैरापेट दीवार बनाई जायेगी। इस महत्वकांक्षी परियोजना में सात पैकेज शामिल है। 140 किमी ऋषिकेश-रूद्रप्रयाग मार्ग, 95 किमी धरासू-यमुनोत्री मार्ग, 76 किमी रूद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड मार्ग, 150 किमी टनकपुर-पिथौरागढ़ मार्ग का निर्माण लोनिवि द्वारा किया जायेगा। 160 किमी रूद्रप्रयाग-माणा मार्ग बीआरओ, 144 किमी मार्ग पीआइयू और 124 किमी धरासू-गंगोत्री मार्ग का निर्माण एनएचआई डीसीएल द्वारा किया जायेगा।
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