देहरादून। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने मंगलवार को गणतन्त्र दिवस के अवसर पर सचिवालय प्रांगण में झण्डारोहण किया। मुख्य सचिव ने प्रदेशवासियों एवं सचिवालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गणतन्त्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएँ दी।
उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को हम भारतवासी एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। इसी दिन सन् 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था, जिसकी बदौलत भारत एक प्रभुता संपन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बन सका। मुख्य सचिव ने कहा कि भारत एक विविधतापूर्ण देश है। संविधान निर्माताओं ने इसका ख्याल रखा और सभी वर्गों के हित सुरक्षित रखे। भारत के संविधान में स्वतंत्रता, समता, बंधुता, न्याय, विधि का शासन, विधि के समक्ष समानता, लोकतांत्रिक प्रक्रिया बिना किसी भेदभाव के सभी व्यत्तिफयों के लिए गरिमामय जीवन समाहित हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह शताब्दी भारत की शताब्दी होगी। हमारी संस्कृति विश्व बंधुत्व की संस्कृति रही है। कोरोना की वैक्सीन बनाने के बाद 100 देशों को देने की घोषणा वासुदेव कुटुंबकम् को परिणित करता है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान ने हमें वो मौलिक अधिकार दिए जो हर व्यत्तिफ को समानता के साथ आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करते हैं। भारत के संविधान के प्रति हमारी आस्था, उसके बारे में जानना और उसका पूर्ण रूप से अनुपालन करना हम भारतीयों का प्रथम कर्त्तव्य हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के विकास में सचिवालय, सर्वोच्च प्रशासनिक इकाई के रूप में एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। राज्य के और आमजन के विकास के लिए हमारे छोटेकृछोटे प्रयास जनता में हमारे सिस्टम के प्रति आस्था को मजबूत करते है। उन्होंने कहा कि अलग उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भ्रष्टाचारमुत्तफ व्यवस्था और पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के सपने को साकार करना होगा। राज्य के हर न्याय पंचायत से ईकृपंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखण्ड देश का तीसरा राज्य बन गया है। मुख्य सचिव ने कहा कि गणतन्त्र दिवस के अवसर पर हम सबको अपनी आजादी, एकता एवं अखंडता को अक्षुण्ण रखने का आज संकल्प लेना है। राज्य में आपसी भाईचारा, सद्भाव एवं शांति बनाए रखते हुए प्रदेश के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।