कराची। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान इस मुद्दे को लगातार अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश में नाकाम साबित हो रहा है। इसी कड़ी में गुलाम कश्मीर (च्व्ज्ञ) में उठी आजादी की मांग ने इमरान सरकार के सिरदर्द को और बढ़ा दिया है। पीओके में आजादी की मांग उठ गई है। आजादी को लेकर यहां के लोगों की लगातार आवाज बुलंद हो रही है। इस बीच यहां आजादी की मांग कर रहे 22 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी अनुसार इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़प भी देखने को मिली।
यह झड़प शनिवार को मुजफ्फराबाद में नियंत्रण रेखा के करीब देखने को मिली। यह प्रदर्शन सोमवार को भी जारी रहा। इस इलाके में मोबाईल फोन सर्विस को बंद कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख मोहम्मद सगीर के नेतृत्व में इस मार्च का आयोजन किया गया था।
जिला पुलिस प्रमुख ताहिर महमूद कुरैशी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारी लगातार एलओसी की ओर बढ़ रहे थे उन्हें रोकने का प्रयास किया गया तो कुछ लोग पहाड़ियों पर चढ़ गए और उन्होंने पुलिस पर पत्थर फेंके ऐसे में पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
विरोध स्थल पर मौजूद जेकेएलएफ के एक वरिष्ठ नेता तौकिर गिलानी ने कहा कि जेकेएलएफ के 40 से अधिक सदस्यों को रातोंरात गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे अपना विरोध खत्म करें। हालांकि, कुरैशी गिलानी के दावों पर बौखला गए। उन्होंने गिलानी के दावों को झूठा बताया और गिरफ्तार किए गए लोगों आपराधी बताया। उन्होंने कहा है कि कार्रवाई इसलिए हुई क्योंकि उन्होंने पुलिस की बात नहीं मानी। उन्होंने यहां तक कहा कि उन्हें आजादी की मांग के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया है, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है वे अपराधी हैं।