गोपेश्वर पुष्कर सिंह ,जिस आशा व विश्वास के साथ जोशीमठ की जनता ने नगर पालिका जोशीमठ के पद पर काग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से विजयी बनाया था।उन पर बर्तमान पालिका परिषद खरी नही उतरी है वार्ड के निवासीयों मै निराशा व हताशा ।एक वर्ष बीत जाने के बाद भी विभिन्न वाडों मै पैदल रास्ते व नालीयां क्षतिग्रस्त है उनकी मरोम्मत करने मै पालिका प्रशासन नाकाम रहा है।वाडों के निवासी टूटे फूटे रास्तों पर चलने को विवश है।वार्ड संख्या एक के मारवाडी से पैका का रास्ता बहुत खतरनाक बना है जो कि किसी दुर्घटना को दावत दे सकता है यही हाल परसारी व रविग्राम वाडों के पैदल रास्तों के है।
2-दूसरी बड़ी समस्या जो स्वच्छता को लेकर बनी है वाडों मै जगह जगह कूडे पड़े है नगर के मुख्य द्वार टी सी पी चुगी पर कूडे का ठेर से जोशीमठ के पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। लाचार सफाई व्यवस्था पर खुद पिछले माह पालिका के दो सभासदो अमीत सती व समीर डिमरी ने खुब हंगामा किया था।लेकिन फिर भी सफाई व्यवस्था मै कोई सुधार नही दिखाई दे रहा है।
3-सबसे बडी समस्या नगर में महिला शौचालय न होने से बाहर से आने वाले पर्यटकों व ग्रामीण महिलाओं को परेशानी उठानी पड़ती है आज तक इस दिशा में पालिका ने कोई ठोस काय॔वाही नही की है।तहसील के नीचे बना एक मूत्रालय है जिसकी दयनीय स्थिति बनी है।मूत्रालय के अंदर जाने के लिये लोगों दस बार सोचना पड़ता है। मूत्रालय में गंदगी पड़ी रहती है उससे संक्रमण रोगों के फैलने का अंदेशा बना रहता है।
4-चौथी सबसे बड़ी समस्या जोशीमठ मैं पार्किंग बनाने में पालिका परिषद नाकाम रहा है।जिसके कारण लोग अपनी गाडीयां व स्कूटर आदि बाजार खड़े करतें हैं उससे बाजार में धंटो जाम की स्थिति बनी रहती।
5-नगरपालिका क्षेत्र के अपर बाजार में जगह जगह पानी के पाईपो से पानी के रिसने के कारण गड्डे बने है जिसके कारण रोड जगह जगह क्षतिग्रस्त हो गई है तथा जब गाडीयां चलती है तो इसके टायरो से गंदा पानी स्कूल जाते छोटे छोटे बच्चो व नागरिकों के कपडो व चेहरे पर पड़ता है।इसकी मरोम्मत करने की दिशा मै पालिका प्रशासन मोन है।
5-प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभान्वित लोग को उनकी तीसरी व चौथी किस्तो का भुगतान करने में पालिका असफल रही है।जबकि लाभान्वित लोगों ने कर्ज लेकर मकान का काय॔ पूरा कर दिया है।
इसके अतिरिक्त बहुत समसयाओ का अम्बार लगा है पालिका क्षेत्र में जिनके निराकरण करने में पालिका प्रशासन नाकाम रहा है।हाँ पालिका प्रशासन ने नगर के मुख्य बाजार की दीवारों पर स्वच्छता ,पर्यावरण सरंक्षण,आदि के नारो को लिखवाकर अपना प्रचार प्रचार कर लाखों रूपयो को बर्बाद जरूर किया गया है लेकिन धरातल पर इन नारो को उतारने का प्रयास नही किया गया है।काश कि अगर नगरपालिका जोशीमठ दीवारों पर लिखी इन बातों को ईमानदारी से धरातल पर उतारने का थोड़ा भी प्रयास करती तो जोशीमठ नगरपालिका एक आदर्श नगर होता। आगे जनता से किये गये वायदों पर खरा उतरने के लिए काम करने की आवश्यकता है