- देहरादून,उत्तराखण्ड वेब पोर्टल एसोसिएशन उत्तराखंड में अनुभवी एंव जानकारी देने वाले संघर्ष शील सामाजिक सरोकार बिचार धारा रखने वाले लोगों का संघठन है।संघठन की मूल भावना अपनी परेशानी का निराकरण करने का सरल ता से करना है।पत्रकार के हित में अच्छे बिचारभवनाओं में अपने पत्रकार साथियों को चाहिए वह किसी भी संघठन का सदस्य हो उसका हमेशा सम्मान करना है ।और सभी संघठन के सदस्यों के साथ सामंजस्य एंव सकारात्मक सोच के साथ उनसे बिचार विमर्श कर समस्या का समाधान निकाला है।अपने अधिकार के लिए अपने हक की लड़ाई गांधी वादी तरीके से लड़ने की सोच के साथ काम करते हुए संघर्ष जारी रखना है।मुख्य रूप से संगठन में पारदर्शिता के साथ साथ सदस्यों की परिवारक समस्या का समाधान में सहयोग करना है। सह संघठन के जन्मदिन से एक साल की बात करें तो संघठन ने सरकार के द्वारा पत्रकार कल्याण समिति में नामित सदस्यों का सम्मान कर अपने सामाजिक कार्यों को बढ़ाने की सुरवात भर की है ।राजपुर रोड़ स्थित मधुवन होटल में पत्रकारिता दिवस के सबसर पर निर्णय लिया कि सभी पत्रकार संघठनो के सहयोग लेकर पत्रकार की कठिनाईयों को दूर करते रहने का कार्य करते रहेंगे।एवं समाज सेवा में कार्य करने वाले एवं अन्य छेत्र में कार्यरत लोगों का सम्मान के साथ सरकार अच्छे कार्य करने के लिए सुझाव समय समय पर देते रहेंगे।समाज सेवा के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून में 11एंव 12 जुलाई2019 को अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली एवं गैरसैंण राजधानी अभियान केे संयोजक
लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल ,केंद्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर के प्रोफेसर विद्या सिंह ,डॉ अरविंद दरमोडा संघठन के पदाधिकारियों के साथ सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम पनचोली आदि लोगों ने श्रीनगर गढ़वाल निवासी पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त सेवक प्रेम बल्लभ नैथानी गौ सेेवा के लिए समर्पित हैं।उनका सम्मान एवं रूद्रप्रयाग निवासी जगत सिंह जंगली का पर्यावरण के लिए, डॉ संजय गांधी सीटी हार्ट सेंटर क्रास रोड़ देहरादून का स्वास्थ्य सेवा
के लिए एवं विश्व में बिलुप्त होरही राजी जनजाति एवं अन्य जन जाति के अधिकारों के लिए आंदोलन रत जसवंत सिंह जंगपांगी को समाज सेवा के लिये दिया।इसके बावजूद गैरसैंण राजधानी अभियान के लिए बनाये गये धरना स्थल में वर्षा से बचने के लिए त्रिपाल एंव रस्सी के सहयोग कर समाज सेवा करने में अल्प सहयोग किया है।आगे सामंज सेवा में कार्य करने वाले लोगों का सम्मान संघठन करते रहेगा। संघठन के अलोक शर्मा ,दीपक धीमान आदि सदस्यों को दूसरे संघठन उत्तराखंड वेब मीडिया की सदस्यता लेकर संघठन में भी बड़ी जुमेंदारी हासिल की है यह खुशी की बात के साथ साथ दुख इस बात का है कि उस संघठन का मुझे संरक्षक बनाया गया है। बिना दांत का शेर की राय देने पर भी नहीं मानने के चलते अध्यक्ष के लिए शिव प्रसाद सेमवाल को प्रस्ताव किसी ने काटा नहीं ।वह 6 माह तक चुनाव न कराने के लिए कह गये।पहले वेब पोर्टल चलाने वाले लोगों की मांग के लिए लड़ाई लड़ने की बात हुई।चुनाव हुआ फिर भी उन्होंने बात यह नहीं मानी कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तब सरकार के खिलाफ नहीं छापेंगे।क्योंकि सरकार के पास छींक मारने पर भी कार्यवाही कर सकती है। उनको गलत तरीके से पुलिस उठा कर22 नवम्बर 2019 को सहस पुर थाना क्षेत्र में लेगाई उनकी रिहाई में 57 दिन लग गये ।उनकी रिहाई के लिए उनके पिता जी एवं अन्य साथियों से हनुमान चालीसा की108 आवर्ती पाठ करने के लिए कहा था।उनके के लिए अन्य लोगों ने भी पाठ किया होगा ।जब मैं बुद्धवार रात के 2.45 बजे तक भगवान ध्यान करने हमारी पुकार सुनकर का ध्यान किया तो आदेश मिला कि आज उनकी जमानत हो जाएगी। इसकी सूचना रात को ही उनके सहयोगी मामचंद शाह को फोन पर देनी चाहा, परन्तु उन्होंने फोन नहीं उठाया । दूसरे दिन जमानत होने के बाद मामचंद शाह को बताया कि आपको फोन रात में इसी लिए किया।उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित किया। अभी और संघर्ष करना है।सरकार है।अपने जीवन में जिस भीआदमी के भले के लिए आप कुछ कर सकते हैं। उसको करते रहना चाहिए।चाहे वह आपके लिए कुछ कर नहीं सकते हैं तो उन्हें अपने से अलग नहीं समझना चाहिए।
आपको बताते चले कि जुलाई 2013 में पत्रकारों की समस्या के लेकर सभी पत्रकार संगठनों को आव्हान किया गया। उत्तराखंड पत्रकार संघठन समन्वय समिति के संयोजक के रूप में जैन धर्मशाला में प्रत्येक रविवार को बैठक, कर सुझाव लिए गये उनमें बरिष्ट पत्रकार ifsmn के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर जोशी जी ने बैठक में कहा कहते रहे कि पोर्टल को विज्ञापन मिलने चाहिए।पोर्टल चार पाँच रहे होंगे।अब प्रस्ताव लिखा गया ।उन प्रस्ताव पत्र 27 मा विधायकों ,मा नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट एवं मा विधानसभा अध्यक्ष की संस्तुति की गई है। परफिर सोचा कि यह तो देहरादून हरिद्वार उधमसिंह नगर नैनिताल के तराई क्षेत्र के लोगों तक सीमित रहेगा।अन्य जगह के पत्रकार साथी तो नेट के अभाव में बंचित रह जाएंगे।इसके लिए bsnl वालों से बात की उन्होंने बताया कि जब सरकार रुपये देगी तब लाइन बिछाने काम होगा। उनको उधार लेकर काम करने के लिए कहा तो उन्होंने हाई लेबल से होना है।अब 7 माह तो इसी में लगगये।इस बीच मा हरीश रावत की सरकार आई उन्हें भी पत्रकार साथियों की पीड़ा ज्ञानपन देकर बताई।उन्होंने कार्यवाही की विधानसभा में संकल्प आया पर उसके आगे कार्यवाही नहीं हो पाई।bsnl को नेटवर्क फैलाने के लिए मा रावत जी ने बजट के अभाव में असमर्थता व्यक्त की।अब दिमाग में से सोचा कि पहाड़ो की समस्या के समाधान के लिए राज्य बनाया गया है।यह बलिदान देने वाले लोगों का अपमान हमारी सरकार ने इच्छा शक्ति के अभाव में कर दिया है।अब दिमाग में सुझाव आया कि उत्तराखंड में नेट के अभाव में बैंक नहीं खुलता है।जो हैं भी उनमें नेट बैंकिंग के लिए नेट सेवा नहीं दे पाए हैं।इसके लिए मा राज्यपाल का इंटरव्यू लेकर कुछ सुभिधा मिलने की आशा बंध सकती है।मा राज्यपाल श्री अजो7त जी से समय मांगा गया ।उन्होंने इससमस्या को दूर करने के लिए bsnl वालों की जिम्मेदारी कही ।और उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि अपनी लाईन बिछवा कर अपने कारोबार को बढ़ना चाहिए।उन अखबार की कतरनों को केंद्रीय मंत्रियों को भेजकर कार्यवाही करते हुए,उत्तराखंड खण्ड ही नहीं अन्य राज्यों में भी नेटवर्क बिछाने का कार्य किया गया है। जो भी संघठन पत्रकार, समाज हित में कार्य करते हैं उन्हें राय लेने से परहेज नहीं करना चाहिए।जिस प्रकार का आप काम करते उसके सुलझाने के लिए परेशानी पैदा करना उत्तराखंड के पत्रकार संघठन जिंदा है।काम संख्या बल से नहीं बुद्धि बल से सरकार से कराये जाते हैं।उसके लिए हमें किसी की राय लेने से परहेज नहीं करना चाहिए।संघठनो की बाढ़ ऐसी आई कि उलझनों का गुच्छा बन कर रह गया है।उत्तराखंड वेब पोर्टल एसोसिएशन जो बोलता है उसको पूरा करने के लिए सकरात्मक दृष्टि कोण रखते हुए करने का पूरा प्रयास करते हुए जन सेवा में सहयोग करता है। अभी आपकी पत्रकार साथियों की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करते हुए आगे बढ़ने में आपके सुझाव आमंत्रित है।