नैनीताल। रविवार को नैनीताल व आसपास के क्षेत्रों में सुबह धूप निकलने के साथ ही बर्फ से ढकी सफेद पहाडियों को देख नैनीताल पहुंचे सैलानी उल्लासित नजर आये। इसके बाद आसमान में बादल छाने से कड़ाके की ठंड शुरू हो गई। बीते दिनों नैनीताल व उसके आसपास के क्षेत्रों में मौसम के पहले हिमपात के बाद पहाडियों में अभी भी बर्फ की सफेद चादर बिछी हुई है। रविवार को अवकाश के चलते नैनीताल में सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ी। किलबरी, हिमालय दर्शन व पंगूट में सैलानी पैदल पहुंचे। इधर स्नोव्यू क्षेत्र सहित ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फ की चादर बिछी रही। उधर किलबरी, हिमालय दर्शन, स्नोव्यू, बारापत्थर, स्नोव्यू आदि स्थानों में पहुंच कर सैलानियों ने जमकर फोटोग्राफी की। इन स्थानों में एक फीट तक बर्फ गिरने से सड़के काफी खतरनाक बनी हुई थी। वाहनों के आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। पंगूट मार्ग के किलबरी बैंड में वाहनों का आवाजाही भी रोक दी गई थी। लोनिवि की मशीनें व कर्मचारी पंगूट व स्नोव्यू मार्ग में जमी बर्फ को हटा कर यातायात सुचारू कर रहे हैं। पर्यटक को हिमालय दर्शन, किलबरी, स्नोव्यू, टिफिनटॉप तथा अयारपाटा आदि स्थलों में भी पहुंचे। बर्फबारी की वजह से आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ी लेकिन नैनीताल के पर्यटन व्यवसाइयों के लिए यह बर्फबारी किसी सौगत से कम नहीं हुई। बर्फबारी के बाद से नैनीताल के पर्यटन कारोबार में भी एकाएक उछाल आ गया। नगर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों नैना पीक, टिफिनटाप, स्नोव्यू, किलबरी, हिमालय दर्शन, बारापत्थर, बिड़ला आदि क्षेत्रों में करीब एक फीट तक बर्फ गिरी। बर्फबारी की सूचना मिलने के बाद बीते दिवस दोपहर बाद से ही पर्यटकों का नैनीताल आने का क्रम जारी हो गया था लेकिन रविवार की सुबह से ही पर्यटकों का मानो भीड़ नैनीताल में उमड़ आया। नैनीताल से सटे जिलों से भी काफी संख्या में लोग नैनीताल पहुंचे। अधिकांश पर्यटक अपने वाहनों से ही नैनीताल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी देखने गए, वहीं कुछ पर्यटकों ने शहर से ही टैक्सी आदि लेकर बर्फबारी देखने पहुंचे। नैनीताल की सड़कों में फिर जाम की स्थिति बन गई, इस दौरान जाम खुलवाने को पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। उधर रामगढ़, गागर, भटेलिया, धारी, पहाड़पानी, खपराड़, मुक्तेश्वर, पदमपुरी सहित अन्य स्थानों के निचले हिस्सों में वर्षा व ऊंचाई वाले हिस्सों में बर्फबारी होने से क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मार्ग वाहनों के लिए खतरनाक बने हुए है। जीआईसी स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी प्रताप सिंह बिष्ट ने बताया कि अधिकतम तापमान 10 तथा न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। दूसरी ओर नैनी झील नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रमेश सिंह की मानें तो झील का जल स्तर छह फीट पर स्थिर रहा।