मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने समस्त अपर मुख्य सचिव, समस्त प्रमुख सचिव, समस्त सचिव, प्रभारी सचिव तथा समस्त विभागाध्यक्षों को निर्देश दिये है कि सरकारी कर्मचारियों के विरूद्ध प्रचलित अनुशासनिक कार्यवाही को समयबद्ध रूप से निस्तारित करें।
मुख्य सचिव श्री सिंह ने पत्र में लिखा है कि अनुशासनिक कार्यवाही के मामलों में समय सारणी का कड़ाई से अनुपालन नहीं किया जा रहा है। अनुशासनिक कार्यवाही के मामले में विलम्ब होने से इस बात की पर्याप्त सम्भावना बनी रहती है कि सम्बन्धित आरोपों को सिद्ध कर सकने वाले साक्ष्य ही मिट जाएं और दोषी सरकारी सेवक दण्ड पाने से बच जाये। साथ ही अनुशासनिक जांच के लम्बे समय तक चलते रहने से आरोपित सरकारी सेवक के पदोन्नति आदि के सेवा सम्बन्धी मामले लम्बे समय तक लम्बित रहते हैं, जिससे आरोपित सरकारी सेवक में कुंठा उत्पन्न होती है और काडर मैनेजमेंट में भी समस्याएं उत्पन्न होती है।
मुख्य सचिव ने पत्र में उल्लिखित किया है कि अनुशासनिक कार्यवाही के समयबद्ध निस्तारण हेतु कार्मिक विभाग द्वारा विभिन्न शासनादेशों के माध्यम से समय सारिणी निर्धारित करते हुए प्रत्येक अनुशासनिक कार्यवाही का अनुश्रवण करने की व्यवस्था निर्धारित की गयी है जिसमें अनुशासनिक कार्यवाही का रजिस्टर तैयार किये जाने, कार्यवाहियों के समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने, उनके अनुश्रवण हेतु नोडल अधिकारी नामित किये जाने, समय-सारिणी का पालन न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध विभागाध्यक्ष द्वारा प्रत्येक माह सचिव स्तर पर आख्या प्रस्तुत करने और जिन प्रकरणों में विलम्ब दुष्टिगोचर हो उसकी आख्या मुख्य सचिव स्तर पर भेजे जाने का प्राविधान है।
मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण विभाग, प्रमुख सचिव कार्मिक विभाग, प्रमुख सचिव गृह विभाग को जारी पत्र में यह भी उल्लिखित किया है कि वे अपने नियंत्राणाधीन समस्त विभगाों के शासन स्तर एवं विभागीय स्तर पर प्रचलित अनुशासनिक कार्यवाही के समयबद्ध निस्तारण हेतु नोडल अधिकारी नामित करते हुए प्रकरणों की स्वयं समीक्षा कर लें तथा लम्बित रहने के कारणों को दूर करते हुए उनका निस्तारण कर लें तथा संबंधित त्रैमासिक सूचना निर्धारित प्रारूप पर सतर्कता विभाग को 31 मार्च, 30 जून, 30 सितम्बर एवं 31 दिसम्बर तक उपलब्ध करा दें।
सचिव उत्पल कुमार सिंह ने अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण विभाग, प्रमुख सचिव कार्मिक विभाग, प्रमुख सचिव गृह विभाग को जारी पत्र में निर्देश दिये है कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का 31 जनवरी तक विगत वर्ष का वार्षिक सम्पत्ति विवरण दाखिल किया जाना अनिवार्य है।
उन्होंने जारी निर्देश में कहा है किऐसे अधिकारी जिनके द्वारा निर्धारित समय के अन्तर्गत अपना वार्षिक सम्पत्ति विवरण दाखिल नहीं किया है, उनकी सूची सतर्कता विभाग को 31 मार्च तक से उपलब्ध करा दें ताकि उन अधिकारियों का विजिलेंस क्लियरेंस निर्गत करते समय संज्ञान लिया जा सकें। उन्होंने निर्देश में उल्लिखित किया है कि भारत सरकार द्वारा अपने आदेशों में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी द्वारा निर्धारित समयान्तर्गत वार्षिक सम्पत्ति विवरण प्रदान नही किया जाता है तो उसका विजिलेंस क्लियरेंस जारी नही किया जायेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि यदि किसी अधिकारी का विजिलेंस क्लियरेंस निर्गत नहीं होता है तो उसके पदोन्नति, अन्य राज्य प्रतिनियुक्ति, केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति, विदेश यात्रा एवं लम्बे प्रशिक्षण पर जाने संबंधी मामले प्रभावित हो सकते है।