मोदी सरकार के क्या जाने के दिन आगये
लगता है कि यही हालत रही तो वह दिन दूर नहीं जब जिस रफ्तार सड़ बीजेपीझूठ बोल कर उभारी है उसी रफ्तार से जाने वाली है ।असल मे बहुदलीय प्रणाली के चलते कुल वोटरों की संख्या के आधार पर 15%पाने वाला सत्ता संभालने लगते हैं।तो यकीन उसके सरकार को चलाने का जनता कर लेती है।परन्तु तुगलकी फरमान से जनता ही परेशान होती है व्यापारियों को पार्टीयो से ज्यादा लेना देना नही होता आज उत्तराखंड में जय प्रकाश पांडे ने प्रधानमंत्री को अपनी परेशानी दूर करने के लिये पत्र लिखा उस पर ज़बाब आना कर्यवाही की जारही है।और कार्यवाही हुई ही नहीं ।ऐसे गुमराह करने से लोकतांत्रिक सरकार नहीं चल सकती कहने का तत्परिय यह है कि आप जो करते हैं वह दिखाई देता है।पर सरकार का झूठा पन जनता को नंगे पन के लिये परस्थितियों को उत्पन्न कर के रखा दिया। प्रधानमंत्री के कार्य शैली देश वासियों के लिये जीवन जीने के लिये आक्सीजन का काम करती है। हम उद्धहरण देना चाहते हैं कि 1982 में देहरादून राजपुर रोड याक पेट्रोल पम्प के सामने इनू जार्ज 9वी की छात्रा ने श्रीमती इंदिरा गांधी को अपनी आर्थिक स्थिति के बारेमें पत्र लिखा तो उसकी कारवाही करने के लिये पत्र देहरादून dm कार्यलय में पंहुच गया adm उनके घर पहुंचे उनकी जरूरत के हिसाब से मददत करने की बात कही।यह जनता के प्रति सरकार का कार्य शैली दिखाई दी ।अब इस सरकार को पत्र लिख पांडय का मन घर गया कि कार्यवाही तो होती।इस लिए यह कदम उठयाहै।।अब जनता के पत्रों पर कार्यवाही न होना लोकतंत्र कीहत्या है।यह भयंकर स्तिति बीजेपी इतने कम समय राज करने पर पैदा करदी।तो आगेके हालात अपने आप बयां होगये।