देहरादून। कोरोना संकट के बीच अब प्रवासी वापस उत्तराखंड आने से कतरा रहे हैं। त्रिवेंद्र सरकार बीते एक माह से प्रवासियों को वापस लाने के लिए युद्धस्तर पर जुटी हुई है. लेकिन अब प्रवासियों के वापस आने की प्रक्रिया लगभग समाप्ति की तरफ बढ़ रही है।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि त्रिवेंद्र सरकार अब तक 4 लाख से ज्यादा लोगों को वापस ला चुकी है। ऐसे में अब वापस आने वाले लोगों की संख्या नाम मात्र की बची हुई है।इसके साथ ही देश के हाई लोड वाले 75 शहरों से वापस उत्तराखंड आने वाले लोगों को 7 दिन के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन और 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन रहने का आदेश दिया गया है। आपदा सचिव शैलेश बगोली के अनुसार अब बहुत कम प्रवासी बचे हुए हैं, जो वापस उत्तराखंड आना चाहते हैं। कई शहरों से बसें और ट्रेनें खाली लौटी हैं। सरकार की तरफ से एक लाख से अधिक लोगों को वापसी के लिए मैसेज किए गए थे और लगभग चार हजार लोगों ने ही मैसेज का रिप्लाई दिया। ऐसे में बचे लोगों को लाने की प्रक्रिया जारी है और वापसी लगभग समाप्ति की ओर है।शैलेश बगोली के मुताबिक देश के 75 हाई लोड शहरों से आने वाले लोगों को 7 दिनों के लिए फ्री इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही लोग अगर मनमुताबिक सुविधाएं चाहते हैं तो उन्हें पेड क्वारंटाइन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।