वॉशिंगटन। संकट के बीच मानसिक बीमारी किशोरों व युवाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है। दुनियाभर में चार में से एक युवा मानसिक बीमारी का शिकार हो रहा है। यह खुलासा एक रिपोर्ट में किया गया है।वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के हालिया शोध के अनुसार ज्यादातर मानसिक बीमारियां किशोरावास्था या प्राथमिक युवावस्था में शुरू होती हैं। 25 साल की उम्र से पहले ही 75 फीसदी मानसिक बीमारियां पनपती हैं।
किशोरों व युवाओं में मानसिक बीमारियों के पनपने के कारण सिर्फ उन्हें या उनके परिवार को ही नुकसान नहीं पहुंच रहा है, बल्कि इसका खामियाजा पूरे समाज, समुदाय और अर्थव्यवस्था को भी भुगतना पड़ रहा है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम और हार्वर्ड की एक रिपोर्ट में पाया गया है कि आर्थिक वैश्विक आउटपुट को सबसे ज्यादा नुकसान मानसिक बीमारियों के कारण हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक मानसिक बीमारियों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को 16.1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे घर, शिक्षा, सेहत और नौकरी सभी पहलुओं पर असर पड़ता है।
मोबाइल फोन धरती में हो रहे बदलाव की वजह से बंद हो जाएंगे
Sat May 30 , 2020