वैश्विक में श्रेष्ठता की स्थिति तथा मेक इन इण्डिया के माध्यम से विश्व के आपूर्तिकर्ता के रूप में भारतीय उद्योगों को सक्षम बनाने की दृष्टि से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ’’जीरो ईफेक्ट-जीरो डिफेक्ट’’ योजना का आरम्भ किया गया है।
इसके अधीन किसी उद्यम में नेतृत्व करने के लिये तालमेल, मशीनों व सिस्टम तथा प्रक्रियाओं को शामिल करते हुए एक पारिस्थितिकीय तंत्र का विकास करना है। एक देश, एक क्षेत्र, एक व्यवसाय व एक व्यक्ति के परिपेक्ष्य में प्रतिस्पर्धा की धारणा की जाॅच द्वारा उद्यमों की रेटिंग निर्धारित की जाती है। इस रेटिंग द्वारा एमएसएमई क्षेत्र के उद्यम आर्थिक विकास के लिये कम से मध्यम अवधि में देश की क्षमता का सूचक बनना है। इसके द्वारा उद्यम एक विश्वसनीय मान्यता और विदेशी निवेशकों हेतु गुणवत्ता का सूचक तथा वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा का निर्धारण करना है। इसके द्वारा रोजगार सृजन व रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना है। जेड रेटिंग भारत में निवेश की इच्छा रखने वाले अन्तर्राष्ट्रीय ग्राहकों और एफडीआई हेतु विश्वसनीय पहचान है। इसके द्वारा एमएसएमई का प्रभावी प्रबन्धन व विकास तथा अन्तिम उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करना है।
क्वालिटी काउंसिल आॅफ इण्डिया इस रेटिंग हेतु नोडल एजेन्सी है। जिसके द्वारा वर्ष 2017-18 की रेटिंग जारी करते हुये पूरे देश में 16 राज्यों की 51 एमएसएमई इकाईयों को जेड रेटिंग प्रदान की गई है। आन्ध्र प्रदेश से 01 एमएसएमई इकाई, गुजरात से 09, हरियाणा से 08, कर्नाटक से 04, मध्य प्रदेश से 02, महाराष्ट्रा से 03, पंजाब से 01, उत्तर प्रदेश से 02, पश्चिम बंगाल से 02, तमिलनाडु से 01 व उत्तराखण्ड राज्य से 03 इकाईयों को जेड रेटिंग प्राप्त हुई है।
उत्तराखण्ड राज्य से जेड रेटिंग की सर्वाेच्च श्रेणी डायमण्ड मैसर्स द वेण्डिंग कम्पनी को मशीनरी व इक्यूपमेंट निर्माण में जनपद ऊधमसिंहनगर को प्रदान की गई है। इस रेटिंग में अन्य 02 इकाईयाॅ, मैसर्स टैक्नोक्रेट कनेक्टिविटी सिस्टम्स् प्रा0लि0(ऊधमसिंहनगर) को मोटर व्हीकल, ट्रेलर व सेमी ट्रेलर निर्माण हेतु सिल्वर श्रेणी तथा मैसर्स रावत इंजीनियरिंग टेक प्रा0लि0(देहरादून) को रबर व प्लास्टिक उत्पाद निर्माण हेतु ब्राॅज रेटिंग प्राप्त हुई है।
राज्य सरकार द्वारा माह जनवरी, 2018 में एमएसएमई पखवाड़े का आयोजन किया गया था। जिसमें एमएसएमई क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। पखवाड़े के दौरान जेड पर 06 कार्यशालायें आयोजित की गईं। जिसमें 100 से अधिक एमएसएमई इकाईयों का जेड रेटिंग हेतु आवेदन किया गया है। इनके रेटिंग की प्रक्रिया गतिमान है और आगामी माहों में राज्य से और अधिक इकाईयों को जेड रेटिंग प्राप्त होगी।
मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव, एमएसएमई द्वारा इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की गई और निर्देश दिये गये कि राज्य सरकार द्वारा इन उद्यमियों को पुरस्कृत/सम्मानित किये जाने की कार्यवाही की जाय।