मैती संस्था द्वारा संस्कृति को बढ़ने के लिए बच्चों को पुरुस्कार वितरण किया
बच्चों को उपहार देकर सम्पन्न हुआ ‘फूलदेई’ पर्व। मैती स्वयंसेवी संस्था ने श्यामपुर, ऋषिकेश में चैत्र मास की संक्रांति से शुरू हुआ फूलदेय पर्व आज सम्मपन हो गया फूलदेई’ नामक लोक बच्चो ने पूरे महिने मनाया। यह पर्व पहाड़ों में बसंत ऋतु के स्वागत के रूप में जाना जाता है। कई हिस्सों मे ये त्योहार एक महिने तक मनाया जाता है। उत्तराखंड में इस त्योहार की काफी मान्यता है। छोटे छोटे बच्चे सुबह उठकर जंगलों की ओर चले जाते हैं और वहां से फ्यूंली, बुरांस, आडू, खुबानी व पुलम आदि के फूलों को तोड़कर टोकरी में रखते हैं। इसके बाद बच्चे गांव के प्रत्येक घर की दहलीज फूलों को चावल के साथ रखते हैं। जिसके बदले घर की महिलाऐ, बुजुर्ग बच्चों को गुड़ और दक्षिणा देते हैं। फूल देई ,जहां एक ओर पहाड़ की संस्कृति को उजागर करता हैं, तो वहीं दूसरी ओर यह प्रकृति के प्रति पहाड़ के लोगों के सम्मान और प्यार को भी दर्शाता हैं I आज मैती संस्था ने श्यामपुर में बच्चो के साथ टीका लगाकर बच्चो को फल मिठाई उपहार गुड चावल दक्षिणा देकर इस त्योहार को मनाया। मैती संस्था की संस्थापक कुसुम जोशी कहना कि इस तरह की परम्परा से बच्चे अपनी संसकृति के साथ जुड़े रहते हैं। आज पलायन के कारण इस त्योहार में कमी आयी है, पर बचपन में हम घरो की डेलियो पर फूल डालते थे। इस अवसर पर गीता मलिक, नंदनी जोशी, सिमरन मलिक, शुभम जोशी, अशमिता भट्ट, राधिका कूलियाल, इशिता भट्ट, अनुष्का कूलियाल आदि उपस्थित थे।