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महाशिवरात्रि व्रत कैसे करते है विधि और नियम समझे

Pahado Ki Goonj

*महाशिवरात्रि व्रत कैसे करते है ? विधि और नियम.*

भगवान शिव के व्रत की विधि बहुत ही सरल है। किसी लंबे चौड़े नियम या विधि-विधान में फसने की जरुरत नहीं है।आज कल कुछ लोग भगवान के नाम पर कुछ भी लंबी चौड़ी विधि बता देते है।जिसमे साधक गलती कर जाते हैं और सोचते रहते हैं की हमसे गलती हो गई है जिसकी भगवान सजा देंगे।लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं है।भगवान शिव भोले हैं उनके शिवलिंग पर केवल और केवल एक लोटा जल चढाने से प्रसन्न हो जाते हैं।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करके भगवान शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग पर दूध या जल चढ़ाना चाहिए।अगर गंगा जल है तो बहुत अछि बात है।क्योंकि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
यदि सामर्थ्य हो तो शिवलिंग को पंचामृत से स्नान करवाना चाहिए और साथ-साथ पंचाक्षर मंत्र “ॐ नमः शिवाय” मन्त्र का जप करना चाहिए।इस दिन भगवान शिव को बिल्व पत्र अर्पित करना चाहिए।भगवान शिव को बिल्व पत्र बेहद प्रिय हैं। शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को रुद्राक्ष, बिल्व पत्र,भांग,शिवलिंग और काशी अतिप्रिय हैं।
पंचाक्षर मन्त्र का पूरे दिन जप करना चाहिए।इस दिन लोगों से कम ही बात करके सारा दिन भगवान शिव के ध्यान और याद में गुजारना चाहिए।
रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शंकर की पूजा अर्चना करनी चाहिए। महामृत्युजंय मन्त्र का भी आप जप कर सकते हैं।जो इस प्रकार है —

*ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्! उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात्।।*

इस विधि से किए गए व्रत से जागरण,पूजा, उपवास तीनों पुण्य कर्मों का एक साथ पालन हो जाता है और भगवान शिव की विशेष अनुकंपा प्राप्त होती है।रात्रि में भी भगवान शिव को जितना हो सके याद करना है।भगवान शिव का भजन, मन्त्र जाप,चिंतन और मनन करना है।
इस व्रत को श्रद्धा-विश्वास से करने पर भगवान शिव की कृपा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
मन से व्रत करने पर कन्याओं के विवाह की बाधा दूर होती है।और उन्हें भगवान शिव के सामान श्रेष्ठ वर मिलता है।

*रात्रि 4 पहर में होगी पूजा, जानें मुहूर्त,व‍िध‍ि क्‍या है?*

महाशिवरात्रि2018का मुहूर्त….

जान लें क‍ि महाशिवरात्रि का पर्व13 फरवरी2018 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त13फरवरी की आधी रात से शुरू होकर14 फरवरी तक रहेगा।

शिवरात्रि निशिता काल पूजा का समय रात12:09 बजे से13:01amतक रहेगा। मुहूर्त की अवधि कुल51 मिनट की है।

14 फरवरी को महाशिवरात्रि का पारण होगा।पारण का समय सुबह 07:04से दोपहर15:20तक रहेगा।

रात्रि के समय भगवान शिव का पूजन एक से चार बार किया जाएगा।यह भक्तों पर निर्भर करता है कि वे किस तरह महादेव की पूजा करना चाहते हैं।

रात्रि पहले प्रहर पूजा का समय शाम 18:05 से 21:20 तक।

रात के दूसरे प्रहर में पूजा का समय रात 21:20 से 00:35 तक।

तीसरे प्रहर पूजा का समय= 00:35 से 03:49 तक।

चौथे प्रहर पूजा का समय = 03:49 से 07:04 तक।

*हर हर महादेव* आलेख पण्डित महादेव पैन्यूली

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