महा पुराण ज्ञान यज्ञ समापन में गरीब बेटी का विवाह का आयोजन कर व्यापारीयों ने पुण्य का काम किया
उत्तरकाशी /बड़कोट(मदन पैन्यूली) । नगर व्यापार मण्डल द्वारा आयोजित सात दिवसीय ब्रहम पुराण , नारद पुराण और वराह पुराण ज्ञान यज्ञ के भव्य एंव दिव्य आयोजन में नयी परम्परा डालते हुए व्यापारियों ने शनिवार समापन दिवस पर एक गरीब परिवार की लड़की का विवाह व्यास पीठ पर सात फेरो के साथ करवाते हुए अपने आप को पुण्य कार्य के लिये माना
, पुराण ज्ञान यज्ञ कथा में श्रवण करने आये सैकड़ों श्रद्वालु इस विवाह के गवाह बनें । इसके अलावा दो लोगों ने नगर व्यापार मण्डल सभागार , राधाकृष्ण मन्दिर और धर्मशाला के लिए भूमि दान की दान करने वाले व्यापारी
भगवान सिंह राणा ने 2 नाली जमीन और अमर सिंह पंवार एंव सोबन सिंह पंवार तथा जय सिह पंवार ने 1 नाली भूमि दान की ।
समापन पर बड़कोट की अठाषीण देवी भगवती और डख्याटगांव से तटेश्वर महादेव की उत्सव डोली का स्थानीय श्रद्वालुओं ने दर्शन किये और क्षेत्र की कुशलता की कामना की ।
अन्तिम दिन भारी संख्या में उमड़े कथा ज्ञान यज्ञ श्रवण करेन आये श्रद्वालुओं को ब्रहम महापुराण में कथा वक्ता आचार्य सुशील मोहन शास्त्री ने कहा कि ब्रहमा के स्वयं के विविध भाव, रूप , गुण से , शरीर से व शरीर त्याग के क्रमिक रूप में अन्य विविध सृष्टि की रचना हुई ।
इसे विज्ञान की भाषा में इस तरह लिया जा सकता है कि ब्रहमा ज्ञान व मन की शक्ति के भावानुसार क्रमिक विकास होता है। तीन तरह के इन्सान होते है एक तमोगुणी , सत्व गुणी और रजोगुणी जिसका ब्रहम पुराण में विस्तृत विवरण दिया हुआ है।
नारद महा पुराण वक्ता आचार्य सतीश जगुड़ी ने कहा भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए सर्वोत्तम साधन श्रद्वा, भक्ति और सदाचरण का पालन करना है , जो भक्त निष्काम भाव से ईश्वर की भक्ति करता है और अपनी सभी इन्द्रियों को मन द्वारा संयमित रखता है वही ईश्वर का सान्निध्य प्राप्त कर सकता है। और उसे बड़ा लाभ मिलता है। वराह महापुराण वक्ता आचार्य बृजेश नौटियाल ने बताया कि वराह कल्प मेें हिन्दु धर्म की शुरूआत का इतिहास धरती पर भूमि की तलाश और भूमि को रहने लायक बनाने का इतिहास था इस काल के तीन भेद है जो नील वराह काल , आदि वराह काल और श्वेत वराह काल रहे है और तीनों में विष्णु भगवान ने अलग अलग अवतार लिए है। तीनों वक्ताओं ने कथा ज्ञान के अलावा समाज के हर पहलु को जीने के तीरकों की जानकारी से भी अवगत कराया। सात दिवसीय तीनों महा पुराणों के साथ शनिवार को बड़कोट गांव की गरीब परिवार की सोनिया पुत्री श्री विजय दास का विवाह भाटिया के सोहन दास पुत्र पप्पु दास के साथ भव्यता से हुआ । नगर व्यापार मण्डल ने महा पुराण कथा के दौरान निशुल्क विवाह कराये जाने का ऐलान किया हुआ था । इधर दो लोगो ने धर्मशाला और राधा कृष्ण मन्दिर सहित व्यापारी सभागार के लिए निशुल्क भूमि दान भी की । आज अन्तिम दिन महापुराण के कथा के बाद भव्य भण्डारा आयोजित हुआ जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया ।वही कथा समापन पर नगर व्यापारियों ने कथा के दौरान गरीब लडकियों के सामूहिक विवाह किये जाने का ऐलान किया , इस अवसर पर सुशील मोहन शास्त्री , सतीश जगुड़ी ,बृजेश नौटियाल, मुन्शीराम बेलवाल, हरीशरण उनियाल, दिनेश उनियाल, वृन्दा प्रसाद नौटियाल, हरीशंकर प्रसाद, सूरज नौटियाल, सुमित थपलियाल , नगर व्यापार मण्डल अध्यक्ष राजाराम जगुड़ी , उपाध्यक्ष मंजीत रावत, उत्तम रावत, कोषाध्यक्ष सुभाष रावत, जय सिंह पंवार, मौन्टी अग्रवाल, गजेन्द्र सिंह असवाल, , राकेश जैन, मदन पंवार, राधाृष्ण सेमवाल, आत्माराम , मगलेश पेटवाल, संजय अग्रवाल, विजय सिंह रावत, अंकित असवाल, मस्तराम , अनिल रतुड़ी ,रोशन जगेडा, कैलाश बन्धानी सहित सैकड़ों श्रद्वालु मौजूद थे।सचमुच यह ज्ञान यज्ञ साबित ,भूमि का मिलने, विवाह करने से हुआ है।