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जीवन उपयोगी पुस्तक “रेशम उद्योग क्यों और कैसे”

Pahado Ki Goonj

जीवन उपयोगी पुस्तक
रेशम उद्योग क्यों और कैसे की समीक्षा लिखने के लिए समाजसेवी एस पी नोटियाल पूर्व ज्वाइंट कमिश्नर बिक्री कर ने भेंट की उनको पुस्तक भेंट करने के लिए बहुत बहुत साधुवाद । उन्होंने समाचार पत्र के माध्यम से महेश चंद्र नोटियाल के संकलन का सुभाष चन्द्र नोटियाल संपादक, प्रकाशक एंव मुद्रक द्वारा प्रकाशन करना इस प्रशन प्रदेश में अपने आप साहसिक कार्य किया है।पुस्तक में स्थानीय रेशम और बांज के पौधों के पतों का सदुपयोग का ज़िक्र है जो रेशम को बढ़ावा देते हुए रोजगार का जरिया बन सकता है।
पुस्तक में उत्तराखंड में पैदा होने वाले रेशम अन्य जगह से अच्छा होने के बारें में लिखा। विस्तार से अपने रेशम विभाग में लम्बी सेवा करने के अनुभव से जनहित आगे को बढ़ाने जनकारी दी है। रेशम से रोजगार बढ़ाने का साधारण तरीके से दीगई जनकारी जनोपयोगी है। पुस्तक में उत्तराखण्ड को देखते रोजगार करने के लिए भली भांति समझने के लिए साधारण शब्दों में दिया है । पर्यटक, तीर्थ यात्रा से रेशम को बढ़ावा मिलेगा पुस्तक जनता में रोजगार गारंटी देने के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।जीतमणि पैन्यूली

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