नैनीताल। बलियानाला क्षेत्र में शनिवार को फिर भूस्खलन हो गया। भूस्खलन जीआईसी विद्यालय के मुहाने तक पहुंच गया है। इससे विद्यालय समेत तमाम भवनों को भारी खतरा पैदा हो गया है। इस जगह पर कुछ दिन पहले भी भूस्खलन हुआ था। बलियानाला क्षेत्र नैनीताल शहर की तलहटी में स्थित है। यहां दशकों से भूस्खलन होता आ रहा है। अब तक कोई भी तकनीक इसे रोकने में कामयाब नहीं हुई है। धीरे-धीरे यह शहर की ओर बढ़ रहा है। इसकी जड़ में आए अनेक भवन पूर्व में खाली कराए जा चुके हैं और दर्जनों लोग यहां से विस्थापित हो चुके हैं।
इधर मलारी हाईवे शनिवार को छठे दिन भी वाहनों की आवाजाही के लिए नहीं खुल पाया। हाईवे बंद होने से ग्रामीणों के साथ ही सेना के जवानों की आवाजाही भी थम गई है। नीती घाटी के ग्रामीण इन दिनों ठंड बढ़ने के कारण जिले के निचले क्षेत्रों में पहुंचे जाते हैं, लेकिन हाईवे बंद होने से ग्रामीण निचले क्षेत्रों में नहीं आ पा रहे हैं।
18, 19 अक्तूबर को अतिवृष्टि से मलारी हाईवे कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। बीआरओ ने तमकनाला तक हाईवे सुचारु कर दिया है, लेकिन इससे आगे कई जगहों पर हाईवे ध्वस्त पड़ा है। बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि मलारी हाईवे को 26 अक्तूबर तक वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। हाईवे को खोलने के लिए 15 मशीनें और करीब सौ मजदूर लगाए गए हैं। कई जगहों पर सड़क ध्वस्त है, जिससे यहां हिल कटिंग कार्य करना पड़ रहा है।