HTML tutorial

कोविड-19 के प्रभारी मंत्री बंशीधर भगत से अस्पताल संचालक की तीखी नोकझोंक

Pahado Ki Goonj

नैनीताल। शहरी विकास एवं कोविड-19 के प्रभारी मंत्री बंशीधर भगत की पीपीपी मोड पर संचालित रामनगर अस्पताल के संचालक डॉ. दीपक गोयल के साथ तीखी नोकझोंक हो गई। भगत के संचालक से यह पूछने पर कि लाइसेंस मिलने के बावजूद अब तक ब्लड बैंक क्यों शुरू नहीं किया गया, अस्पताल संचालक भड़क गए और भगत से कह दिया कि वह कोई अपराधी नहीं है कि मंत्री जी उससे इस तरह से बात करें। यह सुन भगत का भी पारा चढ़ गया और उन्होंने अस्पताल संचालक से कह दिया कि वह अपराधी ही हैं। इस बीच, एसडीएम ने अस्पताल संचालक को शांत कराते हुए स्थिति को समान्य किया। बाद में अस्पताल संचालक ने एक सप्ताह के भीतर ब्लड बैंक को शुरू कराने की बात कही है। दरअसल, शहरी विकास एवं कोविड-19 प्रभारी मंत्री बंशीधर भगत मंगलवार को विधायक दीवान सिंह बिष्ट के साथ रामनगर के सरकारी अस्पताल पहुंचे। पीपीपी मोड पर संचालित अस्पताल में अव्यवस्थाओं को लेकर मंत्री नाखुश दिखे और अस्पताल संचालक को बुलाने के लिए कहा। सीएमएस कार्यालय में काफी देर इंतजार के बाद अस्पताल संचालक डॉ. दीपक गोयल पहुंचे तो मंत्री ने उनसे पूछा कि तीन महीने पहले ही ब्लड बैंक का लाइसेंस मिल चुका है लेकिन अब तक ब्लड बैंक शुरू क्यों नहीं हुआ। मंत्री के तल्ख अंदाज पर अस्पताल संचालक आवेश में आ गए और मंत्री से बोले कि वह कोई अपराधी नहीं हैं कि वह (मंत्री) उससे इस तरह बात करें। संचालक ने मंत्री से कहा, ‘आप कुर्सी पर बैठे हैं जबकि मैं खड़ा होकर बात कर रहा हूं। यहां पर मैं आपसे इस माहौल में कोई बात नहीं करूंगा’।इस पर भगत का पारा चढ़ गया और उन्होंने भी संचालक से कह दिया कि वह अपराधी से कम नहीं है। भगत से इस तरह का व्यवहार करने पर भाजपाइयों की भी अस्पताल संचालक से नोकझोंक हुई। स्थिति को बिगड़ता देख एसडीएम विजयनाथ शुक्ल ने अस्पताल संचालक को समझाते हुए शांत किया। स्थिति सामान्य होने पर अस्पताल संचालक ने एक सप्ताह के भीतर ब्लड बैंक को शुरू करने की बात कही है।
कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि अस्पताल में यदि किसी का सीटी स्कैन नहीं होता है तो उन्हें बताएं। भगत ने कहा कि रामनगर के इस अस्पताल को शीघ्र ही 100 बेड का कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी चल रही है। इसकी अनुमति सरकार से जल्द मिल जाएगी। अस्पताल में ऑक्सीजन के लिए पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी किया जा रहा है। सरकार की प्राथमिकता है कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को उपचार मिलना चाहिए। रामनगर के सरकारी अस्पताल में निरीक्षण के लिए पहुंचे मंत्री बंशीधर भगत सख्त नजर आए। अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं की उन्हें पहले से ही जानकारी थी और कोविड काल में अस्पताल प्रशासन पर लग रहे मनमानी के आरोपों से भी वह वाकिफ थे।

Next Post

87 साल के हुए महान लेखक रस्किन बॉन्ड, सादगी से मनाया जन्मदिन

मसूरी। कोरोना संक्रमण के चलते रस्किन बॉन्ड अपना 87वां जन्मदिन घर पर अपने परिजनों के साथ मनाया। इस अवसर पर वह किसी भी प्रशंसक से नहीं मिले। हालांकि वे आम लोगों के साथ केक काटना पसंद करते हैं। हर साल वे मालरोड स्थित कैंब्रिज बुक डिपो पर अपने प्रशंसकों के […]

You May Like