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जानिये -अब उत्तराखंड ,देश के प्रमुख समाचार भेजने में पत्रकार सबसे आगे कैसे है

Pahado Ki Goonj

 

देश मे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को संवैधानिक दर्जा देने के लिए 8अगस्त2021 तक सभी पत्रकार संघठन ,पत्रकार, सुझाव भेजें

दिनाक 31 मई से 6 जून 2021 को मौनव्रत एवं धरना  दिया

पत्रकार, सम्पादक अपने प्रत्येक अंक में नारा प्रकाशित अपने हक के लिए   मांग पूरी होने तक करें ।

 

टिहरी गढ़वाल, लिखवार गांव (पहाड़ों की गूंज )का शुभप्रभात, देश के समस्त सम्मानित पत्रकार साथियों को प्रणाम, अभिनन्दन करते हैं।आपसे  अनुरोध है कि 300से ज्यादा पत्रकार कोरोना काल में स्वधर्म निभाने में शहीद होगये। सच्चाई उजागर करने में अन्य साथियों को  जघन्य रूप से मौत के घाट उतारने की घटना बढ़ती जा रही है। और पत्रकारों को कुछ सूझ नहीं रहा है। यह आजादी के 7 दशकों की यात्रा में पत्रकारों को अपने अधिकारों के लिए उनके रगों में बहनें वाले खून की जगह सायद पानी बहने लगा है। उन्होंने राष्ट्र सेवा में योगदान  दिया है।परन्तु उन्हें सरकार से सम्मान नहीं मिला। इससे उनके परिवार की नाजुक हालत है।उनको सम्मान जनक मदद नहीं मिलने से लोकतंत्र में दिखावे का  चौथे स्तम्भ रहा गया है।जो पत्रकार होने के नाते अपने को  लोकतंत्र में ठगा सा रह कर  महसूस करता है।मैं स्वयं जिरोग्राउंड सेवा करने में कोरोना से पीड़ित रहने पर ,अपने कालोनी में 110परिवारों को सुरक्षित रखने के लिए स्वतःकोविद सेंटर  बाकी जीवन की आशा नहीं रखते हुए  3 सितंबर 2019 में देहरादून कोविद स्थित सेंटर में गया ।नाती पोतों का भरा पूरा परिवार की सुरक्षा  मुख्य है। के लिए अपने जीवन सुरक्षा की आशा खुशी से छोड़कर जाने में  मुझे स्वप्न में भगवान श्री केदारनाथ  बाबा ने जीने का आशीर्वाद दिया। सोचने लगा कि भगवान ने 70 वर्ष में प्राण दान क्यों किया।जंग जीतकर मन मे खयाल आया कि भगवान श्री केदारनाथ महादेव ने इस पुनीत कार्य करने के लिए 4 अस्पतालों में  23 दिन की  जदो जिहाद के बाद अभी भी संघर्ष
(वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा के बाद 28 जून से हरिद्वार, हलद्वानी  में समान्य होने के बाबजूद tv चैनलों ने हरिद्वार, ऋषिकेश  मसूरी, नैनीताल के पर्यटन के लिए भी लोगों के अंदर उत्तराखंड में आने के लिए डर पैदा करदी तब सोचा उत्तराखंड के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए न्यूज पोर्टल को प्रचार प्रसार के लिए बढ़ावा दिया जाय।जुलाई 2013से अक्टूबर2013 तक  11  बैठकों में सुझाव लेकर ofc लाईन बिछवाने के लिए  मा मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत सरकार, और माo राज्यपाल श्री अजीत कुरैसी जी के साक्षात्कार में 11 माह के समय की मेहनत रंग लाई तो आज उत्तराखंड में800 से ज्यादा न्यूज पोर्टल देश विदेश में सबसे पहले खबरें निशुल्क पहुंचा रहे हैं )हमने आगे की कार्यवाही करने के लिए यह निर्णय  पावन पर्व गंगादशहरा पर्व की पूर्व रात्रि पर भगवान श्रीबद्रीविशाल की कृपा से लिया है। इससे पूर्व प्रेस को संवैधानिक दर्जा देने के लिए 31मई2021 से 6 जून 2021 तक टिहरी बांध प्रभावित काला पानी छेत्र प्रातपनगर  अपने निवास लिखवार गावँ टिहरी गढ़वाल, गांगोत्री केदारनाथ मोटर मार्ग (डिफेंस रोड़)के km162 स्थित स्थान पर मौन व्रत एवं धरना प्रदर्शन का सफल आयोजन किया है ।साथियों से लोकतंत्र के चौथा स्तंभ,कलम कारों, पत्रकारों को विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका की भांति संवैधानिक व्यवस्था  में आधिकारिक दर्जा देना चाहिए।उसके  लिए  माo अध्यक्ष लोकसभा  ,माo उपराष्ट्रपति को माo सांसदों की संस्तुति देने के बाद ज्ञापन सरकार को  मानसून सत्र में  देना चाहते हैं।आप सभी से सानुरोध है कि आप अपनी मांगों के लिए अपने संघठनों के, व्यक्ति गत  रूप से सुझाव  हिंदी, अंग्रेजी भाषा में भेजने की कृपा दिनांक08अगस्त 2021 तक वट्सप no7983825336, ईमेल; jeetmani20062021@gmail.com,पर भेजने की कृपा किजयेगा।

हमारे  जुलाई 2013  से मई 2014 के प्रयास से न्यूज पोर्टलों से  दुनिया में उत्तराखंड की जनकारी  सबसे पहले मिल रही है।

बारिश के बाद गंगा का बढ़ा जलस्तर
देहरादून। (पहाडोंकीगूँज) उतराखंड में पिछले 24 घंटे से हो रही झमाझम बारिश से नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। हरिद्वार में गंगा नदी चेतावनी निशान के पास पहुंच गई है। 293 मीटर के चेतावनी निशान की तुलना गंगा नदी का जलस्तर बढ़कर 292.50 मीटर पहुंच गया है। मौसम के बिगड़े मिजाज के चलते तटीय क्षेत्रों में बसे लोग बाढ़ की आशंका से दहशत में है। मौसम विभाग ने तीन दिन लगातार भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से  प्रशासन-पुलिस ने बाढ़ चैकियों को अलर्ट कर दिया है। हरिद्वार,लक्सर,रुड़की,ऋषिकेश सहित आसपास के क्षेत्रों में बारिश के बाद गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटीय क्षेत्र की आबादी बाढ़ की संभावना से सहमी हुई है।
हालांकि तटीय इलाके चंद्रभागा, बंगाली बस्ती, चंद्रेश्वनगर आदि क्षेत्रों में बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए जल पुलिस और राज्य आपदा प्रबंधन की टीम अलर्ट पर है। पहाड़ों में बीते 24 घंटे से हो रही बारिश से ऋषिकेश में बरसाती नदी चंद्रभागा में भी उफान आ गया है। चंद्रभागा नदी का जल तटबंध को छूकर बह रहा था। आसपास की बस्ती के लोग नदी में पानी देख मछली पकड़ते नजर आए। हालांकि प्रशासन ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए नदी के दोनों तटों को पहले ही खाली करा दिया था।

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कुमाऊं के पहाड़ी इलाकों में बारिश से नदियां उफनाईं

नैनीताल,(पहाडोंकीगूँज) कुमाऊं के पहाड़ी इलाकों में रुक- रुक कर हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कई सड़कें बाधित हैं। कई जगह नदियों के किनारे भवन खतरे की जद में आ गए हैं। रविवार को रामनगर में भी भारी बारिश हुई। इससे चोरपानी में दो घर बह गए। इसी क्षेत्र के टेड़ा में एक कार और एक बाइक बह गई। पहाड़ में बीती रात से हो रही रुक-रुक कर बारिश से शारदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। टनकपुर शारदा घाट पर अधिकतर सीढ़ियां पानी में डूब चुकी हैं। प्रशासन ने टनकपुर-बनबसा इलाके में बारिश की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने बताया कि नदी किनारे रहने वाली आबादी को सतर्क किया गया है।इधर चम्पावत में स्वाला के समीप पहाड़ी से मलबा आने से राष्ट्रीय राजमार्ग साढ़े चार घंटे बंद रहा। इस दौरान सैंकड़ों यात्री और वाहन जाम में फंसे रहे। कड़ी मशक्कत के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग में आवाजाही शुरू की जा सकी। पिथौरागढ़ जिले में बंद सड़कों के साथ ही सरकारी मशीनरी की सुस्ती यहां के लोगों का दर्द बढ़ा रही है। जिले की 9 सड़कें पिछले एक माह से बंद हैं। थल-मुनस्यारी सड़क पर रविवार को उफनाए नाले के बीच एक ट्रक फंस गया, जिससे आवाजाही ठप रही। इस दौरान माल वाहक व यात्री वाहन फंसे रहे। बागेश्वर जिले में 12 सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा आ गया। इस कारण यातायात बंद रहा। जिससे दस हजार से अधिक आबादी प्रभावित हुई है। बागेश्वर के कपकोट क्षेत्र में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से भराड़ी बाजार को खतरा पैदा हो गया है। सरयू नदी किनारे तीन मकान, दुकान आदि खतरे की जद में आ गए हैं। सरयू का जलस्तर बढ़ने से 38 लोगों के परिवार दहशत में हैं। वहीं बागेश्वर में कांडा तहसील के लिए आने वाली बिजली की लाइन में रविवार सुबह साढ़े सात बजे चीड़ का एक पेड़ गिर गया। इससे हाईटेंशन लाइन टूट गई और 50 गांवों की बिजली गुल हो गई। इधर नैनीताल जिले के तीन ग्रामीण मार्ग खुजेती-पतलिया, कांडा-डोमास व फतेहपुर-छड़ा बंद हैं। रविवार को नैनीताल जिले में 25.8 मिमी औसत बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश काठगोदाम-हल्द्वानी 78 मिमी और रामनगर में 59.2 मिमी दर्ज की गई।ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर मलबा आने से यातायात प्रभावित

टिहरी, (पहाडोंकीगूँज) ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग भारी बारिश से सोमवार को लगातार बाधित होता रहा। हाईवे पर तोताघाटी, कौड़ियाला, तीनधारा क्षेत्र में भारी बोल्डर के साथ मलबा आने से यातायात प्रभावित होता रहा। एनएच की ओर से जेसीबी मशीनों के जरिये लगातार मलबा हटाने हटाने का किया जा रहा है, साथ ही यातायात को सुचारू बनाए रखने का प्रयास भी किया जाता रहा। देवप्रयाग थाना प्रभारी महिपाल सिंह रावत ने बताया कि राजमार्ग पर कई जगहों पर भारी बोल्डर और मलबा गिरने से वाहन चालकों को लगातार सावधानी से चलने की हिदायत भी दी जा रही है। पूरे दिन हाईवे पर वाहनों की आवाजाही काफी जोखिम भरी बनी रही।

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पहाड़ी से गिरे पत्थर से मकान की छत क्षतिग्रस्त

टिहरी (पहाडोंकीगूँज) भारी बारिश से देवप्रयाग नगर के ऊपर स्थित नरसिंहाचंल पहाड़ी का एक हिस्सा दरक गया। पहाड़ी से गिरे भारी पत्थर ने कृष्णचैरी बस्ती के एक मकान की छत को क्षतिग्रस्त कर दिया। उस दौरान घर में मौजूद युवक ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई, पूरी बस्ती में दहशत का माहौल बना है।
देवप्रयाग नगर के मेन मार्किट के ऊपर स्थित नरसिंहाचंल पहाड़ी का जर्जर चट्टानी हिस्सा भारी बारिश से दरक गया। नरसिंहाचंल पर्वत से सटी कृष्णचैरी बस्ती में सोमवार सुबह करीब दस बजे पहाड़ी से एक भारी पत्थर दूरसंचार कर्मी सोहनलाल के घर की छत पर आ गिरा। उस समय उनका बेटा संदीप घर में मौजूद था, उसने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। पहाड़ी दरकने से पूरी बस्ती में दहशत बन गई है। सूचना पर पहुंची तहसील व नगरपालिका की टीम ने घर का जायजा लिया। जिसके बाद वहां रह रहे दो परिवारों को तत्काल बारात घर में शिफ्ट किया गया है। सभासद रूपेश गुसाई ने दलित बस्ती कृष्णचैरी के ऊपर स्थित पहाड़ी का ट्रीटमेंट किये जाने, खतरे की जद में आये परिवारों को विस्थापित तथा नुकसान झेलने वाले परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।

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23 मोटरमार्गा पर यातायात रहा ठप

पौड़ी, (पहाडोंकीगूँज) रुक-रुक कर हो बारिश से सोमवार को जिले के 23 मोटरमार्गों पर यातायात ठप रहा। रुक-रुक कर हो बारिश से मोटरमार्गो को खोलने में दिक्कतें हो रही है।
सोमवार को सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश होती रही। बारिश से सोमवार को जिले में स्व.जगमोहन सिंह नेगी राज्य मार्ग, फतेहपुर-लैंसडौन मुख्य जिला मार्ग के साथ ही कौडिया-किमसार, पौखाल-कण्चाश्रम, पाली-भखासू, गैंडखाल-आमसैंण, कौड़ियाला-व्यासघाट, मुसोली-तैलाधार, सौड-गजेली, बसोला-बगडियाल, कफल्ड-धाधणखेत, बेदीखाल-एरोली, बीरोंखाल-चंदोली महादेव सैंण, गवाणी-झालपाडी आदि ग्रामीण मोटरमार्गो पर यातायात ठप रहा। लगातार हो रही बारिश से मोटरमार्गो में जगह-जगह बोल्डर व मलबा आने से मोटरमार्ग बंद हो गए है। हालांकि मोटरमार्गो को खोलने के लिए जेसीबी मशीने कार्य कर रही है लेकिन लगातार हो रही बारिश से मोटरमार्गो को खोलने में दिक्कतें हो रही है।

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सफाई कर्मचारियों ने शुरू किया कार्यबहिष्कार

पौड़ी, (पहाडोंकीगूँज) सफाई कर्मचारियों ने 11 सूत्रीय मांगों का हल नहीं होने पर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। जिससे पौड़ी में सफाई व्यवस्था ठप हो गई है। जल्द हड़ताल खत्म नहीं होने से आने वाले दिनों में सफाई व्यवस्था नहीं होने से शहरवासियों की परेशानियां बढ़ सकती है।
नगरपालिका में कार्यरत सफाई कर्मचारी लंबे समय से 11 सूत्रीय मांगों के समाधान की गुहार लगा रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने मार्च से चरणवद्घ रुप में आंदोलन शुरू किया है। लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं होने पर अब सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन कामबंद हड़ताल पर चले गए हैं। नगरपालिका के हॉल में कर्मचारियों ने धरना देते हुए सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार घाघट ने कहा कि बीते 5 मार्च से सफाई कर्मचारी ठेका प्रथा समाप्त किए जाने, सेवा में 10 वर्ष पूर्ण कर चुके संविदा कर्मियों का नियमितीकरण, पुरानी पेंशन बहाली, आवास भत्ता सहित 11 सूत्रीय मांगों के समाधान को लेकर आंदोलन कर रहे है, लेकिन आज तक सफाई कर्मचारियों की मांगों के समाधान को लेकर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिससे सफाई कर्मचारियों को मजबूरन कामबंद करके हड़ताल पर जाना पड़ा। कहा कि सरकार सफाई कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के प्रति गंभीरता नहीं दिखाती है, तो कर्मचारी उग्र आंदोलन करेंगे। धरना देने वालो में संघ के जिला उपाध्यक्ष मुकेश, नगर महामंत्री राजू रीडियान, विक्रम, गणेश, अजय, केशो देवी, संजीव, दीपक, सोहन, बब्बूराम, विपिन रानी आदि शामिल रहे।
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छूट के साथ सरकार ने 27 जुलाई तक बढ़ाया कोविड कर्फ्यू
देहरादून, (पहाडोंकीगूँज) उत्तराखंड में कम होते जा रहे कोरोना मामलों के बावजूद सरकार बहुत ज्यादा ढीलाई देने के मूड में नहीं है। सरकार ने 27 जुलाई तक कोरोना कर्फ्यू बढ़ाया है। इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग आज सोमवार को एसओपी जारी कर दी है।नई एसओपी के मुताबिक मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय जनपदों में जाने के लिए कोविड-19 की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अब सुबह 8.0 0बजे से रात्रि 9.00 बजे तक बाजार खुलेंगे।  50 प्रतिशत क्षमता के साथ सिनेमा हॉल और वाटर पार्क खोलने की अनुमति भी दे दी गई है।
हवाई मार्ग से आने वाली जिन यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, उन्हें भी आने की अनुमति दी गई है। लेकिन  वहीं बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए आरटीपीसीआर जांच की अनिवार्यता यथावत रहेगी।विवाह समारोह और शवयात्रा में 50 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति रहेगी। जबकि सभी शिक्षण, प्रशिक्षण संस्थान फिलहाल बंद ही रहेंगे। ऑनलाइन कक्षाओं या डिस्टेंस लर्निंग की अनुमति होगी। कोचिंग संस्थान फिलहाल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही चलेंगे। सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, शैक्षिक, सांस्कृतिक गतिविधियां फिलहाल बंद रहेंगी। सभी जिम 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे।फोटो डी 3
सावन के पहले सोमवार को मंदिरों में भक्तों का लगा तांता
देहरादून, (पहाडोंकीगूँज) सावन के पहले सोमवार को शिवालयों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। तड़के से ही मंदिरों के बाहर भक्तों की लंबी लाइन लग गई। बारिश के बाद भी भक्त बड़ी तादात में पूजा-अर्चना पहुँचे। हर-हर महादेव के जयकारे शिवालय गूंजते रहे।
सोमवार सुबह से ही मंदिरों में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगी। वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है। लेकिन भक्तों की भीड़ ने सारे नियम कायदे ताक पर रख दिए। दून के टपकेश्वर मंदिर सहित अन्य शिवालयों तीर्थनगरी,धर्मनगरी के अलावा बागनाथ मंदिर, बैजनाथ मंदिर सहित कई मंदिर आस्था के केंद्र है।दिर कमेटी के अध्यक्ष नंदन सिंह रावल ने कहा कि भगवान शिव का जल धारा, बिल्व पत्र और दूध-दही से अभिषेक किया जाना चाहिए। सावन माह में की गई शिव उपासना बहुत ही फलदायी होती है और इसका फल बहुत जल्दी मिलता है। सभी श्रद्धालुओं से मास्क पहनकर आने की अपील की है। मैदानी क्षेत्रों में सावन का पहला सोमवार 25 जुलाई को है।फोटो डी 4
सरयू नदी में महिला ने लगाई छलांग,खोज जारी

बागेश्वर, (पहाडोंकीगूँज) बागेश्घ्वर जिले के आरे में एक महिला ने सरयू नदी में छलांग लगा दी। इसकी खबर फैलने के बाद मौके पर हड़कंप मच गया। सूचना के मौके पर पुलिस टीम पहुंच गई। महिला की तलाश के लिए रेस्घ्क्घ्यू अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि अभी तक उसका कोई पता नहीं पाया है। मौके पर एसडीआर को भी बुलाया गया है। महिला ने नदी में छलांग क्घ्यों लगाई इस बारे में फिलहाल पता नहीं चल सका है।
सोमवार सुबह करीब सात बजे गोपुली देवी पत्नी त्रिलोक सिंह लगभग उम्र 78 वर्ष ने सरयू नदी में छलांग लगा दी। आस पास के लोगों ने घटना की जानकारी आपदा कंट्रोल रूम को दी। सूचना मिलते ही टीम रेस्क्यू के लिए मौके पर रवाना हुई। महिला की खोजबीन जारी है। नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ा हुआ है। एसडीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि महिला के मिलने के बाद ही छलांग लगाने के कारणों का पता चलेगा। अचानक पानी के तेज बहाव में बहा बुजुर्ग, जल पुलिस ने किया रेस्क्यू।
ऋषिकेश। ऋषिकेश में मुनिकीरेती के नाव घाट पर सोमवार को गंगा में नहाने गया एक बुजुर्ग तेज बहाव की चपेट में आ गया। कुछ दूर तक वह पानी में बहता गया। पास ही मौजूद जल पुलिस के जवानों ने बुजुर्गों को सकुशल गंगा से बाहर निकाला।
थाना प्रभारी निरीक्षक मुनीकीरेती कमल मोहन भंडारी ने बताया कि और को गंगा का जलस्तर बहुत अधिक बढ़ा हुआ था। किशन गोपाल मेहता (65 वर्ष) पुत्र दयाराम निवासी सेक्टर नौ बालावाघाट फरीदाबाद हरियाणा जो लगभग दो वर्ष से नाव घाट पर ही रहता है। यह बुजुर्ग सोमवार को नावघाट पर गंगा नदी में स्नान करने गया और अचानक बहने लगा।इसकी सूचना स्थानीय व्यक्तियों द्वारा थाना मुनिकीरेती क्षेत्रान्तर्गत नाव घाट पर तैनात जल पुलिस कर्मियों को दी गई। सूचना पर जल पुलिस कर्मी सुभाष ध्यानी, रवि राणा, जयदीप सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे और पानी में कुछ दूर तक बह गए इस व्यक्ति को बचा लिया गया। किशन गोपाल मेहता की ओर से पुलिस टीम का धन्यवाद अदा किया गया।भिलंगना ब्लॉक में बादल फटने से 4-5 घर तबाह

टिहरी। उत्तराखंड में पिछले काफी दिनों से भारी बारिश  का दौर जारी है. इस वजह से न सिर्फ गंगा, यमुना, भागीरथी, अलकनंदा, मंदाकिनी, पिंडर, नंदाकिनी, टोंस, सरयू, गोरी, काली, रामगंगा आदि सभी नदियां उफान पर हैं बल्कि बादल फटने की भी घटनाएं लगातार हो रही हैं। यही नहीं, अभी उत्तरकाशी में  देर रात बादल फटने के बाद शुरू किया गया रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस बीच टिहरी गढ़वाल के भिलंगना ब्लॉक में बादल फटने से 4-5 घर तबाह होने की खबर से दहशत फैल गई है। फिलहाल रेस्क्यू टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। जबकि जानमाल के नुकसान को लेकर प्रतीक्षा है। इससे पहले उत्तरकाशी में  देर रात बादल फटने के कारण तीन लोगों की मौत हो चुकी है, तो अभी चार लोग लापता बताए जा रहे हैं। हालांकि अभी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। बादल फटने से तीन की मौत,चार लापता,रेस्क्यू जारी

उत्तरकाशी। जिले में देर रात बादल फटने के कारण तीन लोगों की मौत हो चुकी है, तो अभी चार लोग लापता बताए जा रहे हैं। हालांकि अभी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। जबकि सीएम पुष्घ्कर सिंह धामी  ने बचाव और राहत कार्य में तेजी लाने के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि  बादल फटने की ये घटना उत्तरकाशी के मांडो गांव में कल देर रात हुई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है। वहीं, अब भी चार लोग लापता हैं। इसके अलावा निराकोट, पनवाड़ी और कंकराड़ी के आवासीय घरों में पानी घुसने से भी हड़कंप मचा हुआ है.उत्तराखंड के सीएम पुष्घ्कर सिंह धामी ने कहा कि रविवार देर शाम उत्तरकाशी जनपद के ग्राम कंकराड़ी, मांडों में अतिवृष्टि/बादल फटने की दुःखद घटना हुई है। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस मौके पर पहुंच गयी है। डीएम को राहत और बचाव कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर करने के निर्देश दिए हैं। ईश्वर से प्रभावितों की कुशलता की कामना करता हूं। उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण भागीरथी नदी समेत गाड़-गदेरे उफान पर आ गए हैं। जबकि बादल फटने से गांव मांडो, निराकोट, पनवाड़ी और कंकराड़ी के आवासीय घरों में पानी घुस गया। इस दौरान तीन लोगों की मौत होने से हड़कंप मच गया। जबकि चार लोगों के लापता होने से भी ग्रामीण दहशत में हैं। इस बारे में एसडीआरएफ के इंस्घ्पेक्घ्टर जगदंबा प्रसाद ने कहा कि इस घटना में तीन लोगों की मौत हुई, तो चार लोग लापता हैं. हमारा ऑपरेशन अभी जारी रहेगा।उत्तराखंड में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी

देहरादून।  अगले 24 घंटे में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और पौड़ी जैसे जिलों में अत्यंत भारी बारिश की संभावना है। वहीं, उत्तरकाशी समेत राज्य के बाकी हिस्सों में भी भारी से बहुत भारी बारिश के आसार है। इस बाबत मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
उधर, प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर पिछले तीन दिन से रूक-रूक कर लगातार जारी बारिश से गंगा, यमुना, भागीरथी, अलकनंदा, मंदाकिनी, पिंडर, नंदाकिनी, टोंस, सरयू, गोरी, काली, रामगंगा आदि सभी नदियां उफान पर हैं।जिनकी सतत निगरानी की जा रही है। वहीं, अनेक स्थानों पर भारी बारिश से भूस्खलन होने से अनेक मार्ग यातायात के लिए अवरूद्ध हैं। जिन्हें खोलने के प्रयास जारी हैं. जबकि कई स्थानों पर अतिवृष्टि से मकानों और खेतों में मलबा भी घुस आया है।
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