मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर के आगे भीड़ से जहां उनकी सादगी से लोकप्रियता का आभास होता है।वहीं बीजेपी कार्यलय पर तिर्नमूलकांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ जनता का प्रदर्शन करना ठीक नहीं है। इस पर प्रदेश ,देश के नेतृत्व को चिंतन करने की आवश्यकता है। पार्टी कोई भी राज करे जनता तो देश के विकास के लिए हमेशा खड़ी है ।उसकी ऊर्जा का दुरुपयोग किया जाना ठीक नहीं है। आज लोकतंत्र में लोक की सुरक्षा के लिए चिंता करने का समय है।
नीति आयोग शीघ्र बैठक कर कोरोना काल मे किसानों की उपलब्धि को बढ़ावा देने के लिए बिचार करें। जीतमणि पैन्यूली कृषक
।कृषि प्रदान देश मे कृषक के खाते में प्रति हेक्टेयर 30000 हजार प्रोत्साहन राशि व 50000 हजार फसल के नुकसान की प्रति पूर्ति ,छति होने पर देनेके लिए ।अगले 3 वर्ष के लिए विश्व बैंक से कर्ज लिजयेगा। जीडीपी तीन वर्ष में 16% देश के मेहनत कस किसानों से लिजयेगा। (बीमा कम्पनी जितना किसान को देती है वह बैंक की क़िस्त जमा होती है।तब( किसान खाली तब आत्महत्या के लिए पीली जहर की प्याली) इस 0 जीरो टॉलरेंस के व्यपार को शीघ्र बन्द करने में सरकार को फायदा होगा लोक आत्महत्याओं से बचा रहेगा।उससे ज्यादा ये कम्पनियों बाढ़ सरकार को लूटा करती है ) आखिर क्यों?? पढ़े अगले अंक में
कोलकाता, : राजनीतिक पार्टियों के चुनाव प्रचार से ऐसा लगा कि पश्चिम बंगाल की साक्षरता दर घट रही है ।लेकिन वास्तव में यह संतोषजनक है। यहां तक कि राज्य के पिछड़े इलाके में भी साक्षरता दर अधिक है। यह बातें मंगलवार को जनगणना-2011 पर आयोजित एक कार्यशाला में वक्ताओं ने कहीं।
पापुलेशन प्रोग्राम मैनेजमेंट के प्रोफेसर डा. देवेंद्र कोठारी ने कहा कि वर्ष 2001-11 के बीच पश्चिम बंगाल के 19 जिलों में साक्षरता की दर में वृद्धि हुई है।
पिछले दशक में खराब प्रदर्शन करने वाले जिले भी अब तेजी से
साक्षरता में बढ़
रहे हैं। मुर्शिदाबाद जैसे जिले में भी इस अवधि में शिक्षा दर में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्तमान पश्चिम बंगाल की शिक्षा दर 77.1 प्रतिशत है।
जिसमें पुरूष 82.7 व महिलाओं की साक्षरता दर 71.2 प्रतिशत बताया गया।
इसे योजना आयोग ने 85 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
जनगणना-2011 के मुताबिक पूर्व मेदिनीपुर ने सबसे अधिक साक्षरता दर 87.7 प्रतिशत हासिल किया है, ।जबकि कोलकाता की साक्षरता दर 87.1 प्रतिशत है।
पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर की साक्षरता दर सबसे कम 60.1 प्रतिशत है। पुरुलिया में सबसे कम महिलाओं की साक्षरता दर 51.3 प्रतिशत है। सबसे बड़ी बात है कि इधर महिलाओं की साक्षरता में तेजी से विकास हो रहा है। पश्चिम बंगाल की जनसंख्या घनत्व भी काफी बढ़ी है।
देश स्तर पर तुलनात्मक तौर से यहां की आबादी प्रति वर्ग किमी तीन गुणा है। करीब 91.3 मिलियन युवा 25 वर्ष के नीचे हैं।
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